निकाय चुनाव में आरक्षण को लेकर डॉ दयानन्द प्रसाद सिंह की दिखी चिंता। फतुहा,संवाददाता। बिहार में नगर निकाय चुनाव की सरगर्मी तेज हो चुकी है, नगर प्रधान का चुनाव अब सीधे जनता के द्वारा की जाएगी। लोग अपनी-अपनी उम्मीदवारी को लेकर जोड़-तोड़ करने लगे हैं ऐसे में आरक्षण का सवाल असमंजस पैदा करता है
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इस पर नगर राजद अध्यक्ष डॉ दयानन्द प्रसाद सिंह ने कहा है कि भाजपा सांसद सुशील मोदी की चिंता बढ़ गई है, वे उच्चत्तम न्यायालय के ताजा फैसले के अनुसार विशेष आयोग का गठन करना चाहते हैं। कोर्ट के आदेश का पालन नहीं होने के कारण पिछड़े वर्ग को नगर निकाय में आरक्षण देने पर रोक लग सकता है। जैसा कि मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र में हो चुका है, हालांकि जब सुशील कुमार मोदी बिहार में उप मुख्यमंत्री थे तब पिछड़े वर्ग को आरक्षण देने के सवाल पर चुप थे।
डॉ दयानन्द प्रसाद सिंह ने कहा है कि बिहार में पूर्व से ही पिछड़े वर्ग को नगर निकाय चुनाव में आरक्षण नहीं दिया जाता रहा है। यहां अन्य पिछड़े वर्ग अर्थात अति पिछड़ा वर्ग है, जिसे केंद्र सरकार मान्यता नहीं देती है। परंतु बिहार में आरक्षण अति पिछड़ा वर्ग को ही प्राप्त है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आरक्षण की समय सीमा लगातार दो टर्म 10 वर्षों तक कर रखी है और अभी 2022 में 5 वर्ष ही पूरे होने वाले हैं अर्थात 2022 से 2027 तक वर्तमान आरक्षण व्यवस्था के तहत ही चुनाव होने हैं।