पटना. राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने कहा है कि सामने आ रहे NDA के अन्तर्विरोधों से सरकार के साख पर हीं सवाल उठने लगा है। और इसके परिणामस्वरूप सरकार का कामकाज प्रभावित हो रहा है। राजद प्रवक्ता ने कहा कि गठबंधन दलों के नीति सिद्धांतों में अन्तर होना स्वाभाविक है पर यदि गठबंधन सरकार के निर्णयों और उसके वक्तव्यों में भारी विरोधाभाष हो तो फिर सरकार की विश्वसनीयता समाप्त हो जाती है।
उन्होंने कहा कि जातिगत जनगणना और कोरोना के दूसरे लहर में ऑक्सीजन की कमी से हुई मौत पर सरकारी बयान के साथ हीं भाजपा और जदयू नेताओं के बयान में काफी अन्तर्विरोध है। उक्त दोनों मसलों पर भाजपा जहाँ केन्द्र और बिहार सरकार द्वारा दिये गये वक्तव्य का समर्थन कर रही है वहीं जदयू का बयान खिलाफ में है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने संसद में यह दावा किया है कि ऑक्सीजन की कमी से किसी की मौत नहीं हुई है। बिहार के स्वास्थ्य मंत्री द्वारा भी यैसा हीं दावा किया गया है। भाजपा भी यही कह रही है।
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वहीं जदयू के राष्ट्रीय महासचिव के सी त्यागी ने सरकार के इस दावे को खारिज कर दिया है। यही स्थिति जातिगत जनगणना को लेकर है। भाजपा जातिगत जनगणना के सवाल पर केन्द्र सरकार के फैसले के साथ है वहीं जदयू का कहना है कि जातिगत जनगणना होनी चाहिए। इस संबंध में दो-दो बार बिहार विधानमंडल से सर्वसम्मत प्रस्ताव भी पारित हो चुका है जिसमें भाजपा भी शामिल थी । केन्द्र की जिस सरकार द्वारा जातिगत जनगणना की मांग को खारिज कर दिया गया है उस सरकार में जदयू भी शामिल है।
राजद प्रवक्ता ने कहा कि जब सरकार के अन्दर और सरकार के घटक दलों के बीच हीं महत्वपूर्ण मसलों पर इतना अधिक अन्तर्विरोध हो तो फिर यैसी स्थिति में सरकार भले हीं चल सकती है पर कोई काम नहीं हो सकता है।