janata dal united के प्रदेश सचिव मनोज लाल दास मनु ने 23 मार्च को विधानसभा में विपक्ष के द्वारा की गयी आलोकतांत्रिक कार्रवाई के लिए मुख्यमंत्री नितीश कुमार से की माफ़ी मांगने की बात कर उल्टा चोर कोतवाल को डांटे बाली कहावत को चरितार्थ करने में विपक्ष लगा हुआ है। विधान सभा में जो कार्य विपक्ष ने किया उससे बिहार की बदनामी पुरे देश में हुई। नितीश कुमार कोई गलती का कार्य करते ही नहीं है ,जो उन्हें माफ़ी मांगनी पड़े।
janata dal united के प्रदेश सचिव मनोज लाल दास मनु ने कहा आज विधान सभा में विपक्ष ने काली पट्टी और झाल बजाकर अपने को मिडिया में बने रहने का प्रयास किया है। जनता से ख़ारिज होने के बाद से विपक्ष महज मिडिया में आने के लिए ही इस तरह की कार्रवाई करती रहती है । विपक्ष की एक मात्र मंशा है की सदन न चले और वह मिडिया में बने रहे । जबकि सत्ता पक्ष हमेशा आम जनता के हित में लगी रहती है। कभी विधायक के जान पर खतरे की बात तो कभी मुख्यमंत्री से इस्तीफा तो कभी विधानसभा अध्यक्ष के कार्यो पर ऊँगली उठाकर विपक्ष का एक मात्र लक्ष्य है मिडिया में सुर्खिया बटोरे ।
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जदयू सचिव मनोज लाल दास मनु ने चिराग पासवान के उस बयान जिसमे नितीश सरकार गिर जायगी को तेजस्वी के इसारे पर दिया गया बयान बताते हुए कहा जनता अप्रवासी नेताओ को तरजीह नहीं देती है । जो अपना घर नहीं बचा सका उसे बोलने की नैतिकता नहीं है। चिराग पासवान को मुख्यमंत्री के ऊपर बोलने से पहले जमुई लोकसभा से इस्तीफा दे देना चाहिए क्योंकि उस जीत में मुख्यमंत्री के वोट भी शामिल है। चिराग से नैतिकता की बात करना ही बेमानी होगी क्योंकि जप अपने पिता की मौत पर शूटिंग कर राजनीती कर रहा हो उससे नैतिकता शव्द का अर्थ भी नहीं नहीं जनता होगा । जदयू चिराग जैसे पीठ में छुरा घोपने बाले नेता को तरजीह नहीं देता ।