पटना, संवाददाता।बिहार में जीवन रक्षक दवाओं का घोर अभाव है।दवा की ब्लैकमार्केटिंग करने वालों ने कोरोना में उपयोग में आने वाली जीवन रक्षक दवाओं को बिहार के मार्केट से आउट कर दिया हैं। आज आलम यह है कि लोगों को कोरोना की बेसिक दवा दुकानों पर नहीं मिल रही हैं। बिहार के स्वास्थ्य मंत्री कहते हैं कि दवाओं की कोई कमी नहीं है।आलम यह है कि दवा दुकानों पर इक्कोस्प्रीन, डेकसोना, विटामिन सी और जिंक मल्टीविटामिन जैसी जीवन रक्षक दवाइया नहीं मिल रही हैं। उक्त बातें जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष Pappu Yadav ने प्रेस कांफ्रेंस को सम्बोधित करते हुए कही।
Pappu Yadav ने आरोप लगाया कि बिहार में रेमेडिसिवर दवा की एजेंसी सरकार के अधिकारियों से मिलकर दवाओं की ब्लैकमार्केटिंग करते हैं। पटना में प्रतिदिन 4500 रेमेडिसिवर दवा की जरूरत हैं।एम्स और एनएमसीएच के मना करने के बाद भी बिहार सरकार जबरन इन्हें रेमेडिसिवर की सप्लाई कर रही हैं। किसी अस्पताल को 15 तो किसी को 20 रेमेडिसिवर दिया गया हैं। उन्होंने कहा कि मैं सरकार से जानना चाहता हूँ कि , डॉक्टर एक मरीज को 06 रेमेडिसिवर दवा रेफर करते हैं किस हिसाब से सरकार 15 इंजेक्शन दे रही हैं। सरकार अपनी ही बातों में अंतर्द्वंद में हैं। सरकार कोरोना में पैसा लेकर दवा माफियाओं को फायदा पहुंचा रही हैं।
Pappu Yadav ने कहा कि बाईपास में कई ऐसे नर्सिंग होम है जो अबैध तरीके से कोरोना का इलाज कर रहे हैं। इनका नाम सरकार के लिस्ट में दर्ज नहीं हैं। इनके पास इंफ्रास्टरचर नहीं हैं। सरकार की लिस्ट में इनका नाम नहीं होने के बाद भी इन्हें ऑक्सीजन सिलिंडर मिल रहे है। बिहार का हेल्थ सिस्टम चरमरा गया हैं। किसी भी अस्पताल में डॉक्टर नहीं आ रहे है । बिहटा से लेकर महुआ तक सभी कोविड अस्पतालों की स्थिति काफी दयनीय हैं।सरकार के पास इंफ्रास्ट्रकचर नहीं है, लेकिन सरकार अस्पतालों में बेड बढाने की बात कर रही हैं।
जाप सुप्रीमों ने बताया कि ऑक्सीजन और वेंटिलेटर के चलते आधे से ज्यादा मरीज मर रहे हैं।प्रत्यय अमृत से लेकर डॉक्टर तक कोई भी अधिकारी जनता का फोन नहीं उठाते हैं। मुख्यमंत्री कोरोना का हाल जानने पटना की सड़कों पर निकलते हैं। अगर मुख्यमंत्री को कोरोना का हाल जानना है तो उन्हें एन एम सी एच जाना चाहिए। मौके पर जाप के राष्ट्रीय महासचिव प्रेमचन्द सिंह और राजेश पप्पू मौजूद थे।