पटना,संवाददाता। ‘ महात्मा गांधी का जीवन ही एक संदेश है। सिर्फ एक धोती में चरखा चलाते हुए उन्होंने पूरी दुनिया को बताया कि मानव के अंदर लालच का कोई अंत नहीं है। बेहतर होगा इस लालच पर हम लोग नियंत्रण करें और प्रकृति से हम उतना ही लें, जितने की जरूरत है। गांधी जी और उनके जीवन मूल्य कल भी प्रासंगिक थे, आज भी हैं और कल भी रहेंगे। उनके बताये रास्ते पर चल कर ही मानव अपने रहने लायक एक श्रेष्ठ दुनिया का निर्माण कर सकता है।’ यह बात बीजेपी की प्रदेश प्रवक्ता उषा विद्यार्थी ने गांधी जयंती के अवसर पर कही।
उषा विद्यार्थी ने कहा कि आज पूरी दुनिया युद्ध की चपेट में है। मानव निर्मित अत्याधुनिक हथियारों से मानव का अस्तित्व ही खतरे में आ गया है। ऐसी परिस्थिति में गांधी के सत्य और अहिंसा के विचार और भी प्रासंगिक हो जाते हैं। हिंसा स्थायी समाधान नहीं। हिंसा का परित्याग करके ही मानव के लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है। दुनिया को बर्बादी और तबाही से बचाने के लिए यह जरूरी है कि हम गांधी जी और उनके विचारों को अपनाएं। गांधी जी ने कहा था कि आंख के बदले आंख के सिद्धांत पर चलने से एक दिन सारी दुनिया अंधी हो जाएगी। दुनिया को अंधा होने से बचाना है तो हमें सत्य और अहिंसा को अपने जीवन में शामिल करना ही होगा।
उन्होंने कहा कि गांधी जी ग्राम स्वराज्य पर खासा जोर देते थे। हर गांव का विकास एक स्वतंत्र इकाई के तौर पर करने के पक्षधर थे। साथ ही ग्राम प्रशासन में महिलाओं की भी अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित करने की वकालत करते थे। यहां तक कि उनके साबरमती आश्रम के संचालन में महिलाएं महत्वपूर्ण भूमिका निभाती थीं। हमारे लिए यह खुशी की बात है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ग्राम प्रशासन में महिलाओं की भूमिका बढ़ाने पर निरंतर जोर दे रहे हैं।
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उन्होंने कहा कि बिहार में महात्मा गांधी जी के कार्यों और आदर्शों को लोगों तक पहुंचाने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार निरंतर कार्य कर रहे हैं। 2 अक्टूबर को पटना के गर्दनीबाग स्थित बापू टावर अनावरण करके उन्होंने बिहार की जनता को एक बहुत बड़ा उपहार दिया है। यहां आकर लोग गांधी और उनके कार्यों और आदर्शों को अच्छी तरह से समझ सकेंगे। गांधी जी की जीवनी को यहां सिलसिलेवार रूप से प्रदर्शित किया जा रहा है। भावी पीढ़ी भी गांधी जी से अवगत होगी। उन्होंने कहा कि जीवन की हर समस्या का समाधान गांधी जी के दर्शन में है। उनका दर्शन पूरी तरह से व्यवहारिक है। खुद पर प्रयोग करने के बाद ही उन्होंने लोगों को उस पर चलने की सलाह दी है।