नीट परीक्षा (NEET) की मेरिट लिस्ट के ऑल इंडिया कोटे से मेडिकल( यूजी व पीजी) में नामांकन में ओबीसी को भी आरक्षण का लाभ देने पर केंद्र सरकार ने सलोनी कुमारी बनाम भारत सरकार-2015 के एक मामले में सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर अपनी सहमति दे दी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने गुरुवार को एक मुलाकात के दौरान बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री व सांसद सुशील कुमार मोदी को बताया कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला आते ही ओबीसी को इसका शीघ्र लाभ दिया जाएगा।
श्री मोदी ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के 2007 के उस फैसले को कांग्रेस नेतृत्व वाली यूपीए सरकार जिसमें राजद भी शामिल था, ने चुनौती नहीं दी जिसके कारण मेडिकल नामांकन के ऑल इंडिया कोटे में आरक्षण के लाभ से ओबीसी अब तक वंचित है।
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गौरतलब है कि 2017 के बाद से देशभर के मेडिकल कालेजों में एडमिशन के लिए नीट (NEET) परीक्षा आयोजित की जाती है, जिसकी मेरिट लिस्ट की 85 % सीट राज्यों व 15 % ऑल इंडिया कोटे के तहत केंद्र को दी जाती है। सुप्रीम कोर्ट के 2007 के एक आदेश के तहत ऑल इंडिया कोटे की 15 % सीटों पर होने वाले नामांकन में एससी को 15 और एसटी को 7.5 % आरक्षण का लाभ तो मिलता है, मगर ओबीसी के लिए आरक्षण का कोई प्रावधान नहीं है। वहीं, राज्य सरकारें 85 % सीटों पर अपनी नीति के तहत एस सी, एस टी और ओबीसी को आरक्षण देती हैं।
केंद्र की नरेंद्र मोदी की सरकार ने एफिडेविट देकर सुप्रीम कोर्ट से मेडिकल की यूजी ( अंडर ग्रेजुएट) व पीजी ( पोस्ट ग्रेजुएट) के नामांकन में ऑल इंडिया कोटे की सीटों पर ओबीसी को भी 27 % आरक्षण का लाभ देने पर अपनी सहमति दे दी है। उम्मीद है, उन्हें बहुत जल्द इसका लाभ मिलेगा।