नीतीश की पहल : उम्मीद के अनुसार बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की इस बार की दिल्ली यात्रा का परिणाम दिख रहा है। विपक्ष एक हो पाएंगे या विपक्षी एकता बन पाएगी यह कहना तो जल्दबाजी ही होगी। लेकिन इस क्रम में नीतीश कुमार का प्रयास गंभीर और तेज होता दिख रहा है। मंगलबार की शाम को पटना से निकले नीतीश कुमार रात तक केंद्र के खिलाफ विपक्षी एकता को लेकर राजद सहित लालू प्रसाद यादव को साधने में सफल रहे। डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव भी साथ थे।
तभी तो दूसरे दिन कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी के साथ मुलाकात में तेजस्वी यादव की भी उपस्थिति रही। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव बुधवार को कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खरगे से उनके दिल्ली स्थित आवास पर मुलाकात हुई। पहुंचे। कांग्रेस नेता राहुल गांधी इस दौरान खरगे के साथ ही मौजूद रहे। सभी नेता विपक्षी एकता के मुद्दे को लेकर आपस में बातचीत की।
बैठक के नतीजे के तौर पर वहां बैठे सभी नेताओं ने विपक्षी एकता पर अपनी सहमती दी। याथ में यह भी तय हुआ कि और पार्टियों और नेताओं से इस मुद्दे को लेकर बात करने की जिम्मेदारी खरगे और नीतीश कुमार पूरी करेंगे। सूत्रों के मुताबिक, विपक्षी दल इस महीने के अंत में एक और बैठक करेंगे। इस दौरान खरगे और नीतीश सभी से बात करेंगे।
यह मुलाकात और बातचीत तत्काल सार्थक मानी जा सकती है। इसकी सार्खकता का अंदाजा मल्लिकार्जुन खरगे के क बयान से लगाया जा सकता है। मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि सभी पार्टियों को एकजुट करना और एक होकर आगे जो चुनाव आएंगे, उस चुनाव में एकजुटता दिखाकर लड़ना ही हमारा निर्णय हुआ है। हम सब उसी रास्ते पर काम करेंगे। तेजस्वी जी, नीतीश जी, सभी हमारे नेतागण जो यहां बैठे हैं। हम सब इसी लाइन पर काम करेंगे।
नीतीश कुमार ने भी कहा कि गठबंधन को एकजुट करने का प्रयास किया गया है। हम सब साथ बैठेंगे कुछ चीजों को तय किया गया है। हम लोगों की इस पर अंतिम तौर पर बात हो गई है। जितने लोग हमारे साथ सहमत होंगे, हम उनके साथ भी बात करेंगे।
बैठक के मौके पर राहुल गांधी ने कहा कि जो नीतीश जी ने कहा कि विपक्ष को एक करने करने के लिए बहुत एतिहासिक कदम लिया गया है। ये एक प्रक्रिया है। विपक्ष का जो भी नजरिया है, उसे हम विकसित करेंगे और जो भी पार्टियां विचारधारा की लड़ाई में साथ आना चाहती हैं उसको लेकर चलेंगे। जो संस्थानों पर आक्रमण हो रहा है, देश पर आक्रमण हो रहा है, उसके खिलाफ हम लड़ेंगे।
गौरतलब है कि बिहार में राजद-जदयू और कांग्रेस का गठबंधन है। तीनों ही पार्टियां इस महागठबंधन के अंतर्गत बिहार विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव में इकट्ठा होकर भाजपा का सामना करने को तैयार हैं। अब इन तीनों पार्टियां मिलकर लोकसभा चुनाव के लिए देशभर की विपक्षी पार्टियों को एकजूट करने में जुटी हैं।
राजनीति के जानकारों का मानना है कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी से नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव की मुलाकात को अहम माना जा रहा है। नीतीश की पहल विपक्षी एकता के लिए महत्वपूर्ण आधार हो सकता है। नीतीश कुमार के मेन मोर्चा का कंसेप्ट अब स्वरूप लेता दिख रहा है।