पटना, संवाददाता। बिहार विधान परिषद स्थानीय निकाय की तारीख घोषित की जा चुकी है। इस क्रम में आज पंचायत वार्ड सदस्य संघ ने एमएलसी चुनाव में सहभागिता और अपने अधिकार को लेकर पांच सूत्री मांग सरकार के सामने रखी है। इस बावत पटना में एक प्रेस कांफ्रेंस कर संघ ने एमपी, एमएलए व एमएलसी की तरह पंचायत वार्ड सदस्यों के लिए भी उचित वेतन और पेंशन की मांग की है।
पत्रकारों से वार्ता में पंचायत वार्ड सदस्य संघ के संरक्षक जय सिंह राठौड़ ने कहा कि बिहार में पंचायती राज कानून के आधार पर 1 लाख 14 हजार 667 पंचायत-वार्ड हैं और लगभग 1 लाख वार्ड सदस्य पूर्व के हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आदेश पर प्रत्येक पंचायत वार्ड सदस्य के अधीन एक सात सदस्यीय कमिटी का निर्माण का आदेश दिया गया है। अर्थात कुल सदस्यों की संख्या 802669 वर्तमान समय में हो गयी है। वार्ड सदस्य चुनावी प्रक्रिया से गुजर कर जनता के आशीर्वाद से सदस्य निर्वाचित हुए हैं। ये सभी सदस्य लोकतंत्र में विश्वास रखते हैं और केन्द्र तथा राज्य सरकार की सभी योजनाओं के क्रियानवयन में सरकार का सहयोग करते हैं। ऐसे में हम सरकार से मांग करते हैं कि बिहार में पंचायत वार्ड सदस्यों को उचित वेतन और पेंशन का निर्धारण एमपी, एमएलए और एमएलसी की तरह किया जाय।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सभी सरकारी योजनाओं, जिसका क्रियानवयन पंचायतों में हो – उसके शिलापट पर वार्ड सदस्यों का भी नाम अंकित होना चाहिए।
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संघ के महासचिव संतोष कुमार ने कहा कि पंचायत वार्ड सदस्य संघ की बैठक में ये फैसला सर्वसम्मति से लिया गया है कि केन्द्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा निर्धारित योजनोओं क्रियानवयन में वार्ड सदस्यों की भूमिका को स्वीकार किया जाना चाहिए। यही हमारी मांग भी है। इसके अलावा एमपी, एमएलए और एमएलसी के फण्ड को जब पंचायतों के कार्यक्रम उपयोग किया जाए तो वार्ड सदस्यों को उसका माध्यम बनाया जाना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि बिहार सरकार द्वारा पंचायतों को जो राशि प्रदान की जाती है, वह सीधे वार्ड सदस्य और उसकी समिती के खाते में हस्तांत्रित किया जाना चाहिए।