RJD Suprimo Lalu Yadav ने शुक्रवार को अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर लिखा, जनगणना में साँप-बिच्छू, तोता-मैना, हाथी-घोड़ा, कुत्ता-बिल्ली, सुअर-सियार सहित सभी पशु-पक्षी पेड़-पौधे गिने जाएँगे लेकिन पिछड़े-अतिपिछड़े वर्गों के इंसानों की गिनती नहीं होगी। वाह!
BJP-RSS को पिछड़ों/ अति पिछड़ों से इतनी नफ़रत क्यों? जातीय जनगणना से सभी वर्गों का भला होगा। इससे सबकी वास्तविक स्थिति का पता चलेगा।
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BJP-RSS पिछड़ा/अतिपिछड़ा वर्ग के साथ बहुत बड़ा छल कर रहा है। RJD Suprimo Lalu Yadav ने यह भी कहा अगर केंद्र सरकार जनगणना फ़ॉर्म में एक अतिरिक्त कॉलम जोड़कर देश की कुल आबादी के 60 फ़ीसदी से अधिक लोगों की जातीय गणना नहीं कर सकती तो ऐसी सरकार और इन वर्गों के चुने गए सांसदों व मंत्रियों पर धिक्कार है। ऐसे लोगों का सामूहिक सामाजिक बहिष्कार हो।
इधर, केंद्र सरकार के इस कदम पर प्रतिक्रिया देते हुए जेडीयू के प्रवक्ता निखिल मंडल ने कहा कि केंद्र सरकार को जन भावना का सम्मान करना चाहिए. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का इंतजार रहेगा. बिहार सरकार इसके बाद अपना रुख तय करेगी. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के रुख से अभी बातें स्पष्ट नहीं हुई हैं और हमने अपनी बातें केंद्र के समक्ष रखी है. जब तक वहां से कोई निर्णय नहीं आता, तब तक कोई निर्णय बिहार सरकार नहीं करेगी. हमें ये उम्मीद है कि केंद्र सरकार के तहत ही ये हो जाए. अगर नहीं होता है तो उसके बाद बहुत सारे प्रावधान हैं, मुख्यमंत्री सोचेंगे कि क्या करना है.