पटना, संवाददाता। किसानों के शांतिपूर्ण आंदोलन के छह महीने पूरे होने के मौके पर 26 मई को Sanyukt Kisaan Morcha (एसकेएम) द्वारा आहूत देशव्यापी “प्रतिरोध दिवस” को विपक्ष के प्रमुख 12 दलों के साथ राजद भी समर्थन कर रहा है।
राजद का मानना है कि केन्द्र सरकार को अड़ियल रवैया छोड़कर इन मुद्दों पर Sanyukt Kisaan Morcha (एसकेएम) के साथ फिर से वार्ता शुरू करनी चाहिये।
पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने बताया कि गत 12 मई को नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव सहित देश के 12 प्रमुख विपक्षी दलों के नेताओं ने संयुक्त रूप से प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर कहा था कि महामारी का शिकार बन रहे हमारे लाखों अन्नदाताओं को बचाने के लिये कृषि कानून निरस्त किये जाएं ताकि वे अपनी फसलें उगाकर भारतीय जनता का पेट भर सकें।’
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संयुक्त रूप से प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कृषि कानूनों को तत्काल निरस्त करने और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश के अनुसार न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी अमलीजामा पहनाने की मांग की गई है।
ज्ञातव्य है कि संसद ने पिछले साल सितंबर में तीन कृषि विधेयक पारित किये थे,जो बाद में राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद कानून बन गए थे। इन कानूनों के खिलाफ किसान हरियाणा से लगे सिंघू और टीकरी बॉर्डर और उत्तर प्रदेश से सटे गाजीपुर बॉर्डर समेत कई स्थानों पर आंदोलन कर रहे हैं।
राजद के साथी स्थानीय स्तर पर अन्य विपक्षी दलों के साथ समन्वय बनाकर कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए Sanyukt Kisaan Morcha के प्रति समर्थन व्यक्त करते हुए नये कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध दर्ज करवाने का काम करेंगे।