पटना, संवाददाता। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अरविन्द कुमार सिंह ने कहा है शिक्षक बहाली 2023 नियमावली चुनावी शगुफा है। राज्य सरकार ने शिक्षक बहाली नियुक्ति की नियमावली का निर्णय लिया है, जिसके तहत बिहार राज्य विद्यालय अध्यापक नियुक्ति स्थानांतरण अनुशासनिक कार्रवाई एवं सेवा शर्त नियमावली 2023 बनाई गई है।
सरकार ने यह निर्णय लिया है की राज्य सरकार जो भी शिक्षकों की नियुक्ति करेगी वह राज्य सरकार के कर्मी होंगे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी अपना राज्य पाठ्य कटशॉर्ट की नीति से चला रहे हैं। श्री अरविंद ने कहा है कि एक नियमावली बनती है और तुरंत उसे चेंज कर दिया जाता है और दूसरी नियमावली तैयार हो जाती है।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी जब पंचायती राज्य मंत्री थे तब इन्होंने नियमावली बनाई थी जिसमें पंचायती राज व्यवस्था के अंतर्गत सभी शिक्षकों की नियुक्ति का प्रावधान था। उस निर्णय को इन्होंने पंचायती राज व्यवस्था से हटाकर कर पंचायत राज्य प्रतिनिधियों विशेषकर मुखिया जिला परिषद सदस्य की भारी अपमान किया है।
आज जो मुखिया जिला परिषद के सदस्य अपनी सहभागिता देते थे उन सब के अधिकारों को हनन किया है। अब आप ऐ बताइए कि कुछ दिन नियुक्ति की सेवा शर्त कुछ रहेगी और चुनाव सामने है तो झूठ मूठ का यह शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा दे रहे।
इसे भी पढ़ें- भाजपा महिला मोर्चा ने किया प्रदेश भर में समरसता भोज का आयोजन
जबकि यह स्पष्ट है बिहार सरकार के द्वारा जो भी नियुक्ति होती है वह सभी बिहार सरकार के ही राज्य कर्मी होते हैं। क्या नीतीश कुमार यह बताएंगे कि इसके पहले जितने भी शिक्षकों की नियुक्ति हुई क्या वह बिहार सरकार के राज्य कर्मी नहीं है।पहले यह स्पष्ट करें और इनको सबसे पहले जितने लाखों की संख्या में नियुक्त किए गए शिक्षाको को ये पहले राज्य कर्मी का दर्जा दे तब जाकर के यह नियमावली को लागू करें।