पटना, संवाददाता। जदयू के प्रदेश सचिव मनोज लाल दास मनु ने कल विधान सभा में राजद विधायक डॉ रामानुज प्रसाद सिंह द्वारा मैथिली भाषा को एक जाति की भाषा बताने पर आपत्ति जाहिर की है। साथ ही विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव से कहा कि अपने विधायकों को बताएं कि मैथली किस जाति की भाषा है।
Read also- एक करोड़ रोजगार के साथ राजनीतिक विकल्प लेकर आ रहा है समता सदभाव दल : पंकज
मनोज लाल दास मनु ने राजद को चेतावनी देते हुए कहा कि राजद विधायकों द्वारा ऐसा कहा जाना मैथिली भाषा का अपमान है। और यह अपमान मैथिली भाषी सहने को तैयार नहीं हैं। उन्होंने तेजस्वी यादव से कहा कि यह अपने विधायक को बताएं कि मैथली एक जाति नहीं जमात की भाषा है। मुजफ्फरपुर, दरभंगा,, मधुबनी, सहरसा, सुपौल, पूर्णिया, अररिया, समस्तीपुर, रोसड़ा समेत कई जिलों में सभी जातियों की मुख्य भाषा मैथली ही है। मैथली भाषा संबिधान की अष्टम सूची में शामिल है। इस लिये मैथिल क्षेत्र में सरकारी कार्यो में अगर नेम प्लेट मैथली भाषा में लिखाई जाती है तो इसमें राजद को क्या दिक्कत हो रही है। राजद पूर्व से ही मैथली भाषा विरोधी रही है। बीपीएससी से मैथली भाषा को हटा चुकी है।
श्री मनु ने कहा विधानसभा के अंदर मैथिली भाषा के बारे में इस तरह का बयान देने से बिहार की जनता समझ चुकी है कि राजद में उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले विधायक भी खुद को आठवीं पास तेजस्वी यादव के समकक्ष ही बनाए रहते है। मैथिली भाषा का विरोध करने का खामियाजा राजद को उठाना पड़ेगा।