MATA SITA : सीता का श्राप है कि फलगूनदी हमेशा अतृप्त ही रहेगी, ब्राह्मण हमेशा असंतुष्ट, गाय का मुख अपवित्र, वृक्ष को वर्ष में पतझड़ तथा पहाड़ हमेशा ओज विहीन ही रहेगा। और ऐसा इसलिए हुआ कि इन पाँचों ने सीता (MATA SITA) द्वारा दशरथ जी के सदेह पिंडदान को झुठलाया और शापित जीवन जीने […]