मन्त्र महिमा : “मनने जायते इति मंत्रम”-मनन के द्वारा जो हमारी रक्षा करे वह मन्त्र है । स्वयं ही उच्चारित करना है और मनन करना है। तैत्तरीय उपनिषद के अनुसार मन्त्रों का उच्चारण शिक्षा के नियमानुसार होना चाहिए। स्वर वर्णों का स्पर्श उच्चारण और व्यंजन वर्णों का स्पष्ट उच्चारण करना चाहिए। किस वर्ण का उच्चारण […]
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मंत्ररहस्य : जानें मंत्रों के व्याकरण को और कैसे काम करता है मंत्र
मंत्ररहस्य : मंत्रों का एक एक अलग विज्ञान है। इसका अपना अलग शास्त्र और व्याकरण है। इन्हीं व्यकरण के अनुसार लिंगों के आधार पर मंत्रों के तीन भेद बताए गए हैं।पहला है पुलिंग-जिन मंत्रों के अंत में हूं या फट लगा होता है।वह पुलिंग मंत्र माना गया है। दूसरा है स्त्रीलिंग- जिन मंत्रों के अंत […]
मंत्ररहस्य : जानें बीजमंत्रों का क्या है रहस्य
मंत्ररहस्य : ऊर्जा अविनाशिता के नियमानुसार ऊर्जा कभी भी नष्ट नहीं होती है, वरन् एक रूप से दूसरे रूप में परिवर्तित होती रहती है। अतः जब हम मंत्रों का उच्चारण करते हैं, तो उससे उत्पन्न ध्वनि एक ऊर्जा के रूप में ब्रह्मांड में प्रेषित होकर जब उसी प्रकार की ऊर्जा से संयोग करती है तब […]