जीकेसाी के ग्लोबल अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद बोले अब सत्ता में अपनी भागीदरी के लिए लड़ाई लड़ेंगे कायस्थ । कायस्थों को अपनी मनोवृति बदलने की...
राजनीति

सत्ता में अपनी भागीदारी के लिए अब लड़ाई लड़ेंगे कायस्थः राजीव रंजन प्रसाद

ग्लोबल कायस्थ कांफ्रेंस के ग्लोबल अध्यक्ष राजीव रंजन ने कहा कि सत्ता में कायस्थों की भागीदारी के लिए अब आर-पार की लड़ाई होगी। इस आर-पार की लड़ाई के लिए ग्लोबल कायस्थ कांफ्रेंस की पहल पर दिल्ली में 4 फरवरी 2024 को कायस्थों का महाजुटान होगा। उन्होंने सभी कायस्थ बंधुओं से इस महाजुटान में शामिल होने […]

महिला सश्कतीकरण को लेकर जीकेसी एक्शन मोड में, शुरु हुआ कुटिर उद्योग
बिहार

महिला सश्कतीकरण को लेकर जीकेसी अब एक्शन मोड में, शुरु हुआ कुटिर उद्योग

पटना, मुकेश महान। महिला सश्कतीकरण को पहले से संकल्पित ग्लोबल कायस्थ कांफ्रेंस अब पूरी तरह से एक्शन मोड में आ गया है। स्वतंत्रता संग्राम की अगली पंक्ति के नायक सुभाष चंद्र बोस  जयंती की पूर्व संध्या पर ग्लोबल कायस्थ कांफ्रेंस (जीकेसी) ने कुटिर उद्योग के अपने ड्रीम प्रोजेक्ट को आज संगठन कार्यालय में लॉंच किया। […]

जाति जनगणना को लेकर जीकेसी की अपील। ग्लोबल कायस्थ कांफ्रेंस (जीकेसी) के ग्लोबल अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद ने बिहार में हो रहे जाति जनगणना के
बिहार

जाति जनगणना : जाति के कॉलम में “ कायस्थ ” लिखें : राजीव रंजन प्रसाद

पटना,जितेन्द्र कुमार सिन्हा। जाति जनगणना को लेकर जीकेसी की अपील। ग्लोबल कायस्थ कांफ्रेंस (जीकेसी) के ग्लोबल अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद ने बिहार में हो रहे जाति जनगणना के मद्दे नजर बिहार के कायस्थ समाज से खास अपील की है कि जनगणना फार्म को सावधानी पूर्वक भरें और जाति और उपजाति कालम में सिर्फ कायस्थ ही […]

31 जुलाई 1880 को बनारस के एक छोटे से गाँव मुंशी प्रेमचंद का जन्म लमही में एक कायस्थ परिवार में हुआ था। उनका पूरा नाम धनपत राय था। उनके प...
विमर्श

हमारी विभूतियां : महान साहित्यकार के साथ समाज सुधारक भी थे मुंशी प्रेमचंद

हमारी विभूतियां : मुंशी प्रेमचंद। स्तंभ  हमारी विभूतियाँ  की आज की कड़ी समर्पित है हिन्दी साहित्य को समृद्ध करने वाले महान साहित्यकार मुंशी प्रेमचंद को।  जीकेसी के ग्लोबल अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद अपनी कलम से आज मुंशी प्रेमचंद को याद कर रहे हैं। आइए हम भी आज विस्तार से जानते हैं साहित्यकार प्रेमचंद जी को। हमारी विभूतियां […]