पढ़ने की मेरी आदत छूट चुकी है लेकिन जब पुस्तक वो कॉमरेड स्स्स्सा... मेरे हाथों में पड़ी तो मैं इसे शुरु से अंत तक पढ़ गया। और तब मुझे लग...
बिहार

पुस्तक वो कॉमरेड स्स्स्सा… उन तीन दशकों का जीवंत चित्रण हैः अरुण कुमार

● क्षेत्रीय भाषाएं हिंदी के लिए बोझ नहीं है वो तो हिंदी का संवाहक बन सकती हैं। अरुण कुमार ● पुस्तक वो कॉमरेड स्स्स्सा… के लेखक श्रवण कुमार निर्भिक और निडर पत्रकार रहे हैं तभी इस विषय पर और इस शिर्षक से पुस्तक लिखने का दुःसाहस किया हैः मुकेश महान ●कॉमरेड जैसे विषयों पर इस […]