संसार के सभी प्राणियों का पाप-पुण्य का लेखा-जोखा रखने के लिए भगवान चित्रगुप्त यमलोक में विराजमान हैं। महाराज यमराज मनुष्य की मृत्यु के उपरांत मनुष्य के कर्मों के अनुसार दण्ड निर्धारित करते हैं उसके बाद ही स्वर्ग-नर्क का दरवाजा खोला जाता है और यह दंड महाराज चित्रगुप्त के लेखा-जोखा के आधार पर दिया जाता […]