पटना, प्रेम। मैं अकेली नहीं रही ममता, अपने दुख दर्द का मैं साथी हूः साहित्यकार ममता मेहरोत्रा की ये पंक्ति खुद ब खुद उनके संघर्ष की कहानी कह जाती है। लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातिलब्ध साहित्यकार ममता मेहरोत्रा निम्नलिखित पक्तियों पर भरोसा करते हुए लगातार आगे भी बढ़ती रहीं। आसमां क्या चीज़ है, वक्त […]