इंटरव्यू

जनसरोकार की पत्रकरिता तभी ख़त्म हो गई जब मुनाफे की पत्रकारिता शुरू हुई : प्रमोद दत्त

पत्रकार प्रमोद दत्त से अल्का कुमारी की बातचीतपत्रकारिता का लम्बा अनुभव रहा है आपका। क्या बदलाव महसूस करते हैं तब और अब में ?-बहुत कुछ बदल गया है। पहले संपादक पद के लिए विद्वान की तलाश होती थी, अब बेहतर मैनेजर को संपादक बना दिया जाता है। कप्तान जैसा होगा, वैसी ही टीम होगी। जनसरोकार […]