उर्दू और हिन्दी की विदुषी कवयित्री तलत परवीन की शायरी में उनके दिल का ही नहीं, सारे जमाने का दर्द दिखाई देता है। वो समाज की चिंता करने व...
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समाज की चिंता करने वाली हैं संवेदनशील कवयित्री तलत परवीन : अनिल सुलभ

साहित्य सम्मेलन में काव्य-संग्रह ‘अधूरे ख़्वाब’ का हुआ लोकार्पण,जयंती पर याद किए गए कवि जगत नारायण प्रसाद ‘जगतबंधु’, आयोजित हुई कवि-गोष्ठी । पटना, संवाददाता। उर्दू और हिन्दी की विदुषी कवयित्री तलत परवीन की शायरी में उनके दिल का ही नहीं, सारे जमाने का दर्द दिखाई देता है। वो समाज की चिंता करने वाली एक संवेदनशील […]

काव्य-सृजन के लिए आवश्यक भाव-संपदा से अत्यंत संपन्न और विदुषी कवयित्री हैं डौली बगड़िया 'अनिल'। इनकी रचनाओं में नारी-मन की सुमधुर और मनो...
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भाव संपदा से संपन्न विदुषी कवयित्री हैं डौली बगड़िया: डा. अनिल सुलभ

साहित्य सम्मेलन में काव्य–संग्रह ‘अंतर्द्वंद्व‘ का हुआ लोकार्पण, आयोजित हुई कवि–गोष्ठी । पटना,संवाददाता। काव्य–सृजन के लिए आवश्यक भाव–संपदा से अत्यंत संपन्न और विदुषी कवयित्री हैं डौली बगड़िया ‘अनिल‘। इनकी रचनाओं में नारी–मन की सुमधुर और मनोवैज्ञानिक अभिव्यक्ति मिलती है। इनके काव्य–क्षितिज पर केवल नारी–मन के कोमल चित्र ही नहीं, जीवन के विविध रंगों, उसके सुगंध […]

"सुंदर सुभूमि भैया भारत के देसबा से मोरे प्रान बसे हिम खोह रे बटोहिया" जैसी प्राण-प्रवाही मर्म-स्पर्शी रचना के रचयिता बाबू रघुवीर नारायण...
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साहित्य सम्मेलन में पुस्तक बटोहिया के रचनाकार बाबू रघुवीर नारायण का लोकार्पण

पटना, संवाददाता। “सुंदर सुभूमि भैया भारत के देसबा से मोरे प्रान बसे हिम खोह रे बटोहिया” जैसी प्राण-प्रवाही और मर्म-स्पर्शी रचना के अमर रचयिता बाबू रघुवीर नारायण भोजपुरी और हिन्दी के महान कवि ही नहीं एक बलिदानी देश-भक्त और स्वतंत्रता सेनानी भी थे। ‘बटोहिया-गीत’ से अत्यंत लोकप्रिय हुए इस महान कवि ने घूम-घूम कर देश […]