आदिदेव महादेव, देवाधिदेव, गौरीशंकर व नीलकंठ महादेव (Shiva) कहें,ऐसे अनगिनत नामों का स्मरण कर शिव भक्त अपने को निहाल समझते हैं और धन्य करते हैं लेकिन शिव का मन तो कैलाश में रमा रहता है। कैलाश पर्वत खुद के लिए संभवतः शिव(Shiva) ने ही चुना।एकांत हिमखंड,न कोलाहल और ना ही हलचल। मात्र साधना,चिंतन, मनन, सृजन […]