सामयिक परिवेश कवि गोष्ठी : नींद मीठी-सी थी, ख़्वाब बुनते रहे....। लाख जतन करने पड़ते हैं, इश्क की मंज़िल पाने को दिल हारा है तब जीता है मै...
बिहार

सामयिक परिवेश कवि गोष्ठी : दिल हारा है तब जीता है मैंने एक दीवाने को

सामयिक परिवेश कवि गोष्ठी : नींद मीठी-सी थी, ख़्वाब बुनते रहे….। लाख जतन करने पड़ते हैं, इश्क की मंज़िल पाने को दिल हारा है तब जीता है मैंने एक दीवाने को….। सोनपुर, संवाददाता। सोनपुर पर्यटन विभाग के मुख्य मंच पर सामयिक परिवेश के तत्वावधान में कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें प्रदेश के अनेक […]

लगातार अपनी गतिविधियों से साहित्य संवर्धन का काम कर रही है सामयिक परिवेश। कालिदास रंगालय में आयोजित आदिशक्ति प्रेमनाथ खन्ना नाट्य समारोह क...
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साहित्य संवर्धन की जवाबदेही निभा रही है सामयिक परिवेश : ममता मेहरोत्रा

पटना, संवाददाता।लगातार अपनी गतिविधियों से साहित्य संवर्धन का काम कर रही है सामयिक परिवेश। कालिदास रंगालय में आयोजित आदिशक्ति प्रेमनाथ खन्ना नाट्य समारोह के अवसर पर लिट्रा पब्लिक स्कूल के बच्चों ने दी मनमोहक प्रस्तुति। इस अवसर पर कवि गोष्ठी के साथ ममता मेहरोत्रा की कहानी पर आधाऱित नाटक जुर्म का मंचन भी किया गया। […]