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सौम्य व विशेष फलदायी होती है बटुक और काल भैरव की पूजा

भैरव:पूर्णरूपोहि ,शंकरस्य परात्मन:।मूढ़ास्तेवै न जानंति,मोहिता:शिवमाया।शिवपुराण में वर्णित श्लोकों के अनुसार भैरव को भोलेशंकर का ही संपूर्ण स्वरूप माना गया है तथा जब इन्हें हम अपनी संततियों की सुरक्षा से जोड़ कर देखते हैं, तो वहां बटुक भैरव का कल्प मन को सुकून देता है।आयु,आरोग्यता व सात्विकता का संवरण से बटुक भैरव का सीधा सरोकार है। […]