पटना.मैं बनाता तुझे हमसफ़र ज़िन्दगीकाश आती कभी मेरे घर ज़िन्दगी हम फ़क़ीरों के क़ाबिलरही तू कहाँजा अमीरों की कोठी में मर ज़िन्दगी युवा शायर समीर परिमल ने जब यह पंक्तियां सुनाई तो सारा सभागार झूम उठा ।अवसर था कविता फ्यूजन कार्यक्रम का जिसमें समकालीन कविता के कवि दिलीप कुमार और शायर समीर परिमल ने एक […]