गृहस्थ आश्रम में प्रवेश के लिए प्रमुख संस्कार विवाह संस्कार है। इसे हमारे नीतिक ग्रंथों में संस्कार की संज्ञा दी गई है जिसका मुख्य उद्देश्य जीवन को संयमित बनाकर संतानोत्पत्ति करके जीवन के सभी ऋणों से उऋण होकर मोक्ष के लिए कर्म करें। इसलिए विवाह में ये नियम निर्धारित किए गए हैं।1-वर-वधू दोनों सगोत्रीय अर्थात […]