31 जुलाई 1880 को बनारस के एक छोटे से गाँव मुंशी प्रेमचंद का जन्म लमही में एक कायस्थ परिवार में हुआ था। उनका पूरा नाम धनपत राय था। उनके प...
विमर्श

हमारी विभूतियां : महान साहित्यकार के साथ समाज सुधारक भी थे मुंशी प्रेमचंद

हमारी विभूतियां : मुंशी प्रेमचंद। स्तंभ  हमारी विभूतियाँ  की आज की कड़ी समर्पित है हिन्दी साहित्य को समृद्ध करने वाले महान साहित्यकार मुंशी प्रेमचंद को।  जीकेसी के ग्लोबल अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद अपनी कलम से आज मुंशी प्रेमचंद को याद कर रहे हैं। आइए हम भी आज विस्तार से जानते हैं साहित्यकार प्रेमचंद जी को। हमारी विभूतियां […]

जीकेसी
बिहार

मुंशी प्रेमचंद ने साहित्य की विभिन्न विधाओं को अपनी लेखनी से समृद्ध किया :राजीव रंजन प्रसाद

नयी दिल्ली,संवाददाता। ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस (जीकेसी) कला संस्कृति प्रकोष्ठ के सौजन्य से महान इतिहासकार और कहानीकार मुंशी प्रेमचंद की जयंती 31 जुलाई के अवसर पर वर्चुअल कार्यक्रम “अभिव्यक्ति ” का आयोजन किया गया, जिसमें कायस्थ समाज के देश भर के लोगों ने सहभागिता की एवं मुंशी प्रेमचंद जी के व्यक्तित्व एवं साहित्य पर प्रकाश डालते […]