पटना, संवाददाता। आज दानापुर के स्कूल ऑफ क्रिएटिव लर्निंग के प्रांगण में एक अनूठा मैथ मेला का आयोजन किया गया। इस मेले में चारों ओर गणित का ही माहौल दिख रहा था। सब जगह अंक ही अंक थे। पेड़ पौधे भी गणित और डिजाईन सीखने की कला सिखा रहे थे। बच्चे गणित का जादू दिखा रहे थे। वे गणित के ही गीत गा रहे थे। गणित का ही नाटक खेला जा रहा था। गणित का ही संगीत था। वातावरण गणितमय हो गया था
रोबोट की दुनिया तो निराली ही थी। चारो तरफ बच्चों के द्वारा बनाए रोबोट ही रोबोट थे। प्रवीण तथा राकेश द्वारा निर्मित रोबो गणित के सवाल बना रहे थे। रिशु तथा प्रत्युष द्वारा बनाये गए रोबो ने झंडा फहराया।
कक्षा 6 की छात्रा सिद्धि सभी मेहमानों को उनके जन्मदिन का जादुई वर्ग बनाकर भेंट कर रही थी। कहीं बच्चे कैलेंडर आधारित मैथेमेटिकल जादू दिखा रहे थे। कोई तास के बने गणितीय खेल खेल रहा था, तो कोई चेस बोर्ड पर गणितीय खेल खेल रहा था। इस अवसर पर गणित पर आधारित रंजू द्वारा निदेशित नाटक एक लगाओ लाखों पाओ तथा 3 नंबर काफी सराहा गया। यह सब निराला दृश्य था स्कूल ऑफ क्रिएटिव लर्निग के बच्चों द्वारा आयोजित मैथ मेला के आयोजन का।
इस अवसर पर सभी का स्वागत करते हुए प्राचार्या डा. मृदुला प्रकाश ने कहा कि स्कूल ऑफ क्रिएटिव लर्निग के अटल टिकरींग लैब में डिजाइन थिंकिग के प्रशिक्षण द्वारा रोबोटिक्स, सेंसर नेटवर्क तथा 3डी प्रिटिंग का उपयोग कर आम जीवन की समस्याओं का हल ढ़ूँढ़ने की प्रेरणा दी जाती है।
बिहार विद्यापीठ के अध्यक्ष एवं क्रिएटिव लर्निंग के प्रणेता तथा सृजनात्मक गणित पुस्तक के लेखक विजय प्रकाश ने मैथमेला की अवधारणा को स्पष्ट करते हए कहा कि मेला में मैजिक, म्युजिक ड्रामा, गेम और रोबोटिक्स द्वारा गणित सीखने की प्रेरणा दी जाती है। इससे बच्चों में गणित के प्रति अभिरूचि पैदा होती है और वे गणित का जीवन में उपयोग भी सीखते हैं। उनके द्वारा बनाये गए 99 X 99 का जादुई वर्ग तथा गणितीय ताश (जिससे अंकगणित की मुख्य चीजें सीखाई जा सकती हैं) आकर्षण के केंद्र रहे।
श्री अशोक कुमार प्राध्यापक, देशरत्न राजेन्द्र प्रसाद शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय, पटना ने बच्चों की सुजन क्षमता की सराहना करते हुए इसका प्रसार सभी शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालयों तक करने की आवश्यकता जतायी। इससे ड्रॉप आउट कम करने में मदद मिल सकती है। श्री अवधेश नारायण, उपाध्यक्ष एपीसीएल ने इस मेले की सराहना की। डा. अरविन्द शर्मा ने इस पूरे आयोजन को गणीत अध्य्यन के क्षेत्र में क्रांतिकारी बताया।