पटना, संवाददाता। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बिहार विधानसभा भवन शताब्दी वर्ष समापन समारोह में शामिल हुये। प्रधानमंत्री ने शताब्दी स्मृति स्तंभ का अनावरण किया। विधानसभा परिसर में प्रधानमंत्री ने ‘कल्पतरु’ के पौधे का रोपण किया। प्रधानमंत्री ने बिहार विधानसभा परिसर स्थित उद्यान का ‘शताब्दी स्मृति उद्यान के रूप में नामकरण किया। प्रधानमंत्री ने विधानसभा परिसर में रिमोट के माध्यम से संग्रहालय एवं अतिथिशाला का भी शिलान्यास किया। ‘इतिहास के झरोखे से पुस्तक का प्रधानमंत्री, राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री ने विमोचन किया। इस अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुये प्रधानमंत्री ने कहा कि आज मुझे बिहार विधानसभा परिसर में आनेवाले देश के पहले प्रधानमंत्री होने का सौभाग्य भी मिला है। मुझे इस कार्यक्रम में आमंत्रित करने के लिये मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा को धन्यवाद देता हूँ। बिहार का यह स्वभाव है कि जो बिहार से स्नेह करता है, बिहार उसे कई गुना करके लौटाता है। बिहार विधानसभा का अपना एक इतिहास रहा है और यहां विधानसभा भवन में एक से एक बड़े और साहसिक निर्णय लिए गए हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार ने बिहार पंचायती राज जैसे अधिनियम को पास किया। बिहार देश का पहला राज्य बना, जिसने पंचायती राज संस्थाओं में महिलाओं को 50 प्रतिशत का आरक्षण दिया।
बिहार विधानसभा भवन शताब्दी वर्ष समापन समारोह को संबोधित करते हुये मुख्यमंत्री श्री कुमार ने कहा कि बिहार विधानसभा भवन शताब्दी वर्ष समापन समारोह में प्रधानमंत्री जी नीतीश की उपस्थिति के लिये हम सब लोग उन्हें धन्यवाद देते हैं। उनके प्रति सम्मान प्रकट करते हैं और उनका स्वागत करते हैं। पहली बार कोई प्रधानमंत्री विधानसभा परिसर में आये हैं, आपका आगमन सबको याद रहेगा। उन्होंने कहा कि अक्टूबर 2021 को बिहार विधानसभा भवन शताब्दी वर्ष समारोह की शुरूआत राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के द्वारा की गयी थी। उसी समय यह तय किया गया था कि समापन समारोह में प्रधानमंत्री को सादर आमंत्रित किया जाएगा।
इस मौके पर आप यहां आए हैं बहुत खुशी की बात है। आज प्रधानमंत्री जी के द्वारा शताब्दी स्मृति स्तंभ का अनावरण किया गया। विधानसभा परिसर में प्रधानमंत्री ने कल्पतरु’ के पौधे का रोपण किया। प्रधानमंत्री ने बिहार विधानसभा परिसर स्थित उद्यान का शताब्दी स्मृति उद्यान के रूप में नामकरण भी किया। प्रधानमंत्री ने विधानसभा परिसर में संग्रहालय एवं अतिथिशाला का भी शिलान्यास किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 22 मार्च 1912 को बंगाल से अलग होकर बिहार और उड़ीसा अलग राज्य बना। वर्ष 1920 में पूर्ण राज्य बना। वर्ष 1936 में बिहार से अलग होकर उड़ीसा अलग राज्य बना। वर्ष 1912 में बिहार और उड़ीसा को मिलाकर राज्य जब अलग हुआ तो विधायी परिषद बनाया गया था। 1920 में सदस्यों की संख्या को ध्यान में रखकर भवन का निर्माण कराया गया। 7 फरवरी 1921 को यह पूर्ण हो गया। उसका जब सौ वर्ष पूरा हुआ तो कार्यक्रम का आयोजन किया गया। उन्होंने कहा कि बिहार विधायी परिषद की पहली बैठक वर्ष 1913 में की गई थी। बिहार विधायी परिषद के सौ वर्ष पूरा होने पर तत्कालीन बिहार विधान परिषद् के समापति स्व. ताराकांत झा ने सौवें वर्ष में कार्यक्रम आयोजित करवायी थी जो पूरे एक वर्ष तक चला था। उस कार्यक्रम में उस समय की राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल जी शामिल हुई थीं। एक व्याख्यान श्रृंखला आयोजित की गयी थी, जिसमें पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम साहब भी शामिल हुये थे। डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम साहब जब राष्ट्रपति थे तो एक बार विधानसभा के अंदर भी आये थे।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2015 में विजय कुमार चौधरी बिहार विधानसभा के अध्यक्ष बने थे। उन्होंने वर्ष 2016 से 7 फरवरी को विधानसभा स्थापना दिवस मनाना शुरू किया था। वर्ष 2021 में बिहार विधानसभा भवन का शताब्दी वर्ष पूरा हुआ, जिसके उपलक्ष्य में इस कार्यक्रम का आज समापन है। कार्यक्रम को बिहार विधानसभा अध्यक्ष श्री विजय कुमार सिन्हा एवं नेता प्रतिपक्ष श्री तेजस्वी यादव ने संबोधित किया।
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इस अवसर पर बिहार विधान परिषद् के कार्यकारी सभापति अवधेश नारायण सिंह, उप मुख्यमंत्री रेणु देवी, संसदीय कार्य सह शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी, विधानसभा उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी, केन्द्रीय मंत्रीगण, राज्य सरकार के मंत्रीगण, सांसदगण, विधायक/विधान पार्षदगण, पूर्व सांसद, पूर्व विधायक/विधान पार्षद, अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। कार्यक्रम के पूर्व भारतीय वायुसेना के विमान से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पटना हवाई अड्डा आगमन पर राज्यपाल श्री फागू चौहान, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, बिहार विधानसभा के अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा, बिहार विधान परिषद् के कार्यकारी सभापति अवधेश नारायण सिंह सहित राज्य सरकार के अन्य मंत्रीगण, गणमान्य व्यक्तियों एवं वरिष्ठ अधिकारियों ने स्वागत किया।