हिमाचल प्रदेश में कुखेर तहसील नूरपुर, जिला कांगड़ा के एक छोटे से गांव से उभरते गायक गगन सिंह की सफलता का मंत्र ईमानदारी, लगातार कड़ी मेहनत ...
बॉलीवुड

सिंगर नहीं तो स्पोर्ट्स पर्सन होता : गगन सिंह

हिमाचल प्रदेश में कुखेर तहसील नूरपुर, जिला कांगड़ा के एक छोटे से गांव से उभरते गायक गगन सिंह की सफलता का मंत्र ईमानदारी, लगातार कड़ी मेहनत और बिना रुके आगे बढ़ते जाना है। उनका मानना है कि आप जो कुछ भी ईमानदारी से करते हैं, उसका आनंद लें। एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने बताया कि करिअर बनाने के लिए उन्हें माता-पिता, भाई और पत्नी सोना तथा गुरुओं ने प्रेरित किया और मार्गदर्शन दिया। उनके गुरु डॉ. नीलम पॉल (एचओडी) संगीत विभाग पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ का काफी योगदान रहा है।

 उनका कहना है कि एक अच्छे गायक बनने के लिए सही प्रशिक्षण बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके साथ ही सभी प्रकार के पुराने गाने से लेकर नये तक, शास्त्रीय संगीत, ग़ज़ल से भजन और स्थानीय से देशी संगीत तक आपकी प्रतिभा का विकास करते हैं।

जब उनसे पूछा गया कि अगर आप गायक नहीं होते, तो आप अभी क्या कर रहे होते? तो उनका कहना था कि सिंगर नहीं होता तो स्पोर्ट्स पर्सन जरूर होता। उन्होंने बताया कि उन्हें कभी उम्मीद नहीं की थी कि गायक के रूप में उनकी पहचान होगी। बस ईमानदारी से अपने रास्ते पर चलने में विश्वास रखता गया, अपना काम पूरी ईमानदारी से करता गया। यही कारण है कि आज सफलता सामने खड़ी है।

 संगीत जगत में कदम रखने के शुरुआती दिनों में, अपने अनुभव के बारे में उन्होंने बताया कि बॉलीवुड के प्रतिभाशाली गायक और संगीतकार उवी द्वारा बनाये गये एक जिंगल ‘जवानी ले डूबी…’ के साथ शुरुआत की थी। वे गर्व से कहते हैं कि यह एक शानदार अनुभव था। उसके बाद उनके संगीतकार, गायक मित्र रूपेश वर्मा ने ‘अब तक बच्चन’ और ‘बॉबी 2’ फ़िल्मों के लिए गाने दिए। साबिर अली ने उन्हें फ़िल्मों से परिचित कराया, जिनका आज कास्टिंग उद्योग में एक बड़ा नाम है।

 अपनी सृजनात्मक प्रक्रिया के बारे में उन्होंने अपने आसपास के पीएस यानी बेहतर सकारात्मक विचार, व्यक्ति, अच्छे गुण, निरंतर प्रवाह प्रेस को बताया। अपने लोकप्रिय गीतों के बारे में उनका कहना था कि अब तक बच्चन, छोटू (मेरा ड्रीम प्रोजेक्ट), बॉबी 2 के गाने उनकी बहुप्रतीक्षित प्रोजेक्ट हैं। वे बहुत जल्द ही हिंदी, पंजाबी और हिमाचली एलबम लेकर आ रहे हैं।

 गगन का मानना है कि संगीत उद्योग में आपकी सबसे बड़ी सीख है कि शीर्ष पर पहुंचने के बाद भी हमेशा जमीन से जुड़े रहें, विनम्र रहें और मुश्किल समय में भी अपना धैर्य न खोयें। वे गायन को एक बेहतर पेशा मानते हैं। उनका कहना है कि इसके लिए निरंतर अभ्यास करते रहना चाहिए। उनका कहना है कि अभी तो शुरुआत की है बेशक ‘ये दिल मांगे मोर…’

 वे कहते हैं कि मैं ईमानदारी से जीता हूं और खुद से मुकाबला करने की कोशिश करता हूं इसे वे अपना जीवनदर्शन मानते हैं। फिटनेस के बारे में उनका कहना था कि स्वस्थ रहने के लिए रोज दृढ़ता से नियम का पालन करता हूं क्योंकि एक कलाकार के लिए स्वास्थ्य ही वास्तविक धन है। अपने प्रशंसकों से उनका कहना था कि मेरे संगीत को प्यार और प्रोत्साहन देने के लिए आभार व्यक्त करना चाहता हूं।

हिमाचल प्रदेश में कुखेर तहसील नूरपुर, जिला कांगड़ा के एक छोटे से गांव से उभरते गायक गगन सिंह की सफलता का मंत्र ईमानदारी, लगातार कड़ी मेहनत और बिना रुके आगे बढ़ते जाना है। उनका मानना है कि आप जो कुछ भी ईमानदारी से करते हैं, उसका आनंद लें। एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने बताया कि करिअर बनाने के लिए उन्हें माता-पिता, भाई और पत्नी सोना तथा गुरुओं ने प्रेरित किया और मार्गदर्शन दिया। उनके गुरु डॉ. नीलम पॉल (एचओडी) संगीत विभाग पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ का काफी योगदान रहा है।

 उनका कहना है कि एक अच्छे गायक बनने के लिए सही प्रशिक्षण बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके साथ ही सभी प्रकार के पुराने गाने से लेकर नये तक, शास्त्रीय संगीत, ग़ज़ल से भजन और स्थानीय से देशी संगीत तक आपकी प्रतिभा का विकास करते हैं।

जब उनसे पूछा गया कि अगर आप गायक नहीं होते, तो आप अभी क्या कर रहे होते? तो उनका कहना था कि सिंगर नहीं होता तो स्पोर्ट्स पर्सन जरूर होता। उन्होंने बताया कि उन्हें कभी उम्मीद नहीं की थी कि गायक के रूप में उनकी पहचान होगी। बस ईमानदारी से अपने रास्ते पर चलने में विश्वास रखता गया, अपना काम पूरी ईमानदारी से करता गया। यही कारण है कि आज सफलता सामने खड़ी है।

 संगीत जगत में कदम रखने के शुरुआती दिनों में, अपने अनुभव के बारे में उन्होंने बताया कि बॉलीवुड के प्रतिभाशाली गायक और संगीतकार उवी द्वारा बनाये गये एक जिंगल ‘जवानी ले डूबी…’ के साथ शुरुआत की थी। वे गर्व से कहते हैं कि यह एक शानदार अनुभव था। उसके बाद उनके संगीतकार, गायक मित्र रूपेश वर्मा ने ‘अब तक बच्चन’ और ‘बॉबी 2’ फ़िल्मों के लिए गाने दिए। साबिर अली ने उन्हें फ़िल्मों से परिचित कराया, जिनका आज कास्टिंग उद्योग में एक बड़ा नाम है।

 अपनी सृजनात्मक प्रक्रिया के बारे में गगन सिंह ने अपने आसपास के पीएस यानी बेहतर सकारात्मक विचार, व्यक्ति, अच्छे गुण, निरंतर प्रवाह को बताया। अपने लोकप्रिय गीतों के बारे में उनका कहना था कि अब तक बच्चन, छोटू (मेरा ड्रीम प्रोजेक्ट), बॉबी 2 के गाने उनकी बहुप्रतीक्षित प्रोजेक्ट हैं। वे बहुत जल्द ही हिंदी, पंजाबी और हिमाचली एलबम लेकर आ रहे हैं।

 गगन का मानना है कि संगीत उद्योग में आपकी सबसे बड़ी सीख है कि शीर्ष पर पहुंचने के बाद भी हमेशा जमीन से जुड़े रहें, विनम्र रहें और मुश्किल समय में भी अपना धैर्य न खोयें।वे गायन को एक बेहतर पेशा मानते हैं। उनका कहना है कि इसके लिए निरंतर अभ्यास करते रहना चाहिए। उनका कहना है कि अभी तो शुरुआत की है बेशक ‘ये दिल मांगे मोर…’

 गगन सिंह कहते हैं कि मैं ईमानदारी से जीता हूं और खुद से मुकाबला करने की कोशिश करता हूं इसे वे अपना जीवनदर्शन मानते हैं। फिटनेस के बारे में उनका कहना था कि स्वस्थ रहने के लिए रोज दृढ़ता से नियम का पालन करता हूं क्योंकि एक कलाकार के लिए स्वास्थ्य ही वास्तविक धन है। अपने प्रशंसकों से उनका कहना था कि मेरे संगीत को प्यार और प्रोत्साहन देने के लिए आभार व्यक्त करना चाहता हूं।

Xpose Now Desk
मुकेश महान-Msc botany, Diploma in Dramatics with Gold Medal,1987 से पत्रकारिता। DD-2 , हमार टीवी,साधना न्यूज बिहार-झारखंड के लिए प्रोग्राम डाइरेक्टर,ETV बिहार के कार्यक्रम सुनो पाटलिपुत्र कैसे बदले बिहार के लिए स्क्रिपट हेड,देशलाइव चैनल के लिए प्रोगामिंग हेड, सहित कई पत्र-पत्रिकाओं और चैनलों में विभिन्न पदों पर कार्य का अनुभव। कई डॉक्यूमेंट्री के निर्माण, निर्देशन और लेखन का अनुभव। विविध विषयों पर सैकड़ों लेख /आलेख विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित। कला और पत्रकारिता के क्षेत्र में कई सम्मान से सम्मानित। संपर्क-9097342912.