सामयिक परिवेश का 18 वां स्थापना दिवस पटना में । पुस्तक विमोचन और कावय पाठकाहुा आयोजन।
समाज को मानवता से सींचने की आवश्यकता : ममता मेहरोत्रा ।
पटना,संवाददाता।पटना की सांस्कृतिक साहित्यिक संस्था सामयिक परिवेश नेे अपना 18वां स्थापना दिवस पटना में मनाया. इस अवसर पर सर्वे भवन सभागार में कवि गोष्ठी सह पत्रिका और पुस्तक विमोचन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसके साथ ही इस अवसर पर ममता मेहरोत्रा की दो पुस्तक लफ़ज लफ़ज म ममता और ममता मेहरोत्रा -दास्तां-ए-सफ़र का विमोचन भी किया गया।
कार्यक्रम का संयोजन एवं संचालन मुजफ्फरपुर से आई कवियत्री सविता राज कर रही थीं।
देश के प्रसिद्ध गजलकार डॉ कासिम खुर्शीद, युवा गजलकार समीर परिमल, साहित्यकार-नाटककार ममता मेहरोत्रा,बिहार के वरिष्ठ पत्रकार मुकेश महान, लोक गायिका डॉक्टर नीतू कुमारी नवगीत और पत्रिका की कार्यकारी संपादक सविता राज ने सामयिक परिवेश के नवीनतम अंक का विमोचन किया।
इस मौके पर सामयिक परिवेश की संस्थापक और राष्ट्रीय अध्यक्ष ममता मेहरोत्रा ने कहा कि हर वर्ष हमें निरंतर आगे बढ़ने की, नित नया कुछ न कुछ सीखने की सीख देता है। बीते वर्ष में हमने जो भी किया, सीखा, सफल हुए या असफल उससे सीख लेकर, एक नई उम्मीद के साथ आगे बढ़ना है। समाज से नकारात्मक सोच को मिटाना चाहिए। नफरत से यह संसार नहीं चल सकता है। लोगों को इंसानियत दिखाते हुए इन सबसे ऊपर उठकर प्रेम सन्देश समाज में फैलाना चाहिए। किसी व्यक्ति को धर्म, जाति इत्यादि के नाम पर लोगो में भेदभाव नहीं करना चाहिए। समाज को मानवता से सींचने की आवश्यकता है।
मनुष्य को सभी प्राणियों की मदद करनी चाहिए। इससे समाज में अच्छे विचार पनपते है।
उन्होंने कहा कि लोगों को आत्मविश्लेषण कर मानवता के पथ पर अग्रसर होना चाहिए। दूसरो को तकलीफ में देखकर जिन्हें तकलीफ हो, वही मानवता कहलाती है।जिन्दगी में ऐसे कुछ काम करे कि लोग उसे याद रखें। लोगो को नेक काम करने चाहिए, ताकि लोग उन्हें याद रखे। प्यासे को पानी पिलाना और भूखे को भोजन करवाना ही मानवता की पहचान है।
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पत्रिका के विमोचन के बाद कवि गोष्ठी का आयोजन किया गया। इसमें ममता मेहरोत्रा, कासिम खुर्शीद, समीर परिमल, सविता राज, मीना कुमारी परिहार, सुधा पाण्डेय, प्रतिभा रानी, नीतू नवगीत, अनुपमा सिंह, अरविंद अकेला, सुनील कुमार उपाध्याय, विद्यापति चौधरी, रूबी भूषण, विनय कुमार, अविनाश बंधू, डॉ. राकेश मिश्रा, डॉ. वंदना मिश्रा ,विभा सिंह रूपा सहित अनेक कवियों ने अपनी अपनी रचनाओं का पाठ किया।
कार्यक्म के अंत में सभी प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र भी अतिथियों द्वारा प्रदान किया गया ।
संस्था की ओर से धन्यवाद ज्ञापन मुकेश महान ने किया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि संस्थाएं बनती और कुछ ही समय में कागजों तक सिमटकररह जाती हैं, लेकिन सामयिक परिवेश लगातार 18 वर्षों से साहित्य ओर कला संस्कृति के क्षेत्र में देश भर में अपनी उपस्थिति दर्ज कराती रहती है। संस्था से जो 18 वर्ष पहले जुड़े था आज भी वो उसी शिद्दत से जुड़ें हैं, ये ही संस्था और संस्था और इसकी अध्यक्षा ममता मेहरोत्रा की विशेषता है।
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