महादेवी वर्मा सम्मान से सम्मानित की गयी मृ़णालिनी अखौरी
ग्लोबल कायस्थ कांफ्रेंस (जीकेसी) के सौजन्य से महान कवियित्री और सुविख्यात लेखिका महादेवी वर्मा की जयंती 26 मार्च के अवसर पर मृणालिनी अखौरी को महादेवी वर्मा सम्मान से अंलकृत किया गया। सम्मानित होने के बद मृणालिनी अखौरी ने जीकेसी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद और प्रबंध न्यासी रागिनी रंजन के प्रति आभार प्रकट किया। गौर तलब है कि अपनी मेहनत और लगन के बदौलत मृणालिनी अखौरी आज लोगगायन के क्षेत्र अपनी सशक्त पहचान बनाने में कामयाब हुयी है, लेकिन इन कामयाबियों को पाने के लिये उन्हें अथक परिश्रम का सामना भी करना पड़ा है। बिहार के औरगांबाद जिले में जन्मी अखौरी प्रमोद कृष्ण और मंजू बाला की छोटी पुत्री मृणालिनी अखौरी की रूचि बचपन के दिनों से ही गीत-संगीत की ओर थी। सुश्री मृणालिनी अखौरी के पिता सिंचाई विभाग में वरीय अधिकारी थे।
इसके अलावा मृणालिनी अपने तरन्नुम संगीत संस्थान के जरिये करीब दो दशक से लोगों को संगीत की शिक्षा दे रही है।
मृणालिनी इन दिनों रांची वुमेंस कॉलेज में असिस्टेट प्रोफेसर के तौर पर कार्यरत है। मृणालिनी को अपने अबतक के करियर के दौरान काफी नाम-सम्मान मिला है। उन्हें मिले महत्वपूर्ण सम्मानों में गुरू सम्मान, अपराजिता सम्मान, काटयानी सम्मान, सोनपुर सम्मान, थावे सम्मान, लाहिया नाट्य अकाडमी सम्मान, कला संस्कृति सम्मान, प्रयाग संगीत समिति सम्मान, राजरप्पा सम्मान, झारखंड सिने अवार्ड और कजरी सम्मान समेत कई अन्य शामिल है।मृणालिनी पार्श्वगायन के क्षेत्र में अपनी अलहदा पहचान बनाने में कामयाब हुयी है लेकिन उनके सपने यूं ही नही पूरे हुये हैं यह उनकी कड़ी मेहनत का परिणाम है।फिर भी मृणालिनी कहती हैं कि कला के क्षेत्र फलक बहुत बड़ा है। अभी तो पाने के लिए पूरा आसमान बाक़ी है। म़ृणालिनी ने बताया कि वह अपनी कामयाबी का पूरा श्रेय अपने परिवार के सभी सदस्यों को देती हैं जिन्होंने उन्हें हमेशा सपोर्ट किया है।