Dr. Shushil
बिहार

जब तक लोगों की दुआ और भगवान की कृपा रहेगी जरूरतमंदों की सेवा करता रहूंगा: Dr. Shushil

  • कोरोना योद्धा बने Dr. Shushil को भगवान मानते हैं मरीज

पटना,सुधीर मधुकर। आज वैश्विक महामारी कोरोना की लहर और कहर से पूरा विश्व असहाय बना हुआ है। दूसरे लहर में संक्रमण का रफ़्तार तेज है और इस लिहाज़ से संसाधन की भारी कमी है।ये ही वजह है कि लोगों के तेजी से संक्रमित होने से लेकर मरने वालों की संख्या बढ़ने लगी है।आम जनता की बात तो दूर सरकार और प्रशासन भी असहाय दिख रहा है। ऐसे संकट काल में कुछ गिने चुने डाक्टर ही हैं जो अपने और अपने परिवार के जान की परवाह किये बिना रोगियों के लिए भगवान बन कर अपनी लगातार सेवा दे रहे हैं।

इसी कड़ी में पटना जिला, खगौल के मौर्य विहार के Dr. Shushil अपने नर्सिंग होम के साथ कोरोना के इस संकट काल में भी मरीजों के लिए जीवन दायनी बने हुए हैं। हर दिल अजीज एक सामाजिक कार्यकर्ता की तरह रोगियों की सेवा के लिए दिन-रात उपलब्ध रहने वाले Dr. Shushil Kumar Singh आस पास के लोगों के लिए परिचित ही लगते हैं। नर्सिंग होम के साथ अपना आवास होने के कारण Dr. Shushil Singh अपने मरीजों के लिए दिन- रात उपलब्ध रहते हैं। डॉ.सुशील बताते हैं कि फिलहाल कोरोना संक्रमण लहर में इस समय प्रतिदिन दो सौ से अधिक रोगियों को देखते हैं। इस में करीब 70 से अधिक मरीज कोरोना के लक्षण वाले होते हैं। इसमें सामान्य लक्षण वाले को तो हम दवा दे देते हैं, पर जिनमें कोरोना का स्पष्ट लक्षण दिखता है, उसे प्राथमिक उपचार के बाद, जरुरी जानकारी और सलाह देकर समुचित ईलाज के लिए रेफर कर देते हैं।

ऐसे समय में अपना और परिवार का कोरोना संक्रमण से कैसे ध्यान रखते हैं, इस बारे में पूछे जाने पर Dr. Shushil बड़े ही भावुकता के साथ ठहाका लेते हुए कहते हैं कि बस लोगों की दुआ और ऊपर वाले भगवान के हाथ में सब है। जब तक जान है, जरूरतमंद लोगों की सेवा करते रहेंगे। घर में नर्सिंग होम होने के कारण, मरीजों के साथ तो दिन-रात जीना-मरना लगा ही रहेगा। घर में पत्नी सरोज सिंह, बेटा चैतन्य सिंह और बहु गुंजन सोलंकी के देख-रेख और कड़ी हिदायत के साथ सहयोग से मरीजों की सेवा ही अपना कर्म-धर्म बन गया है। Dr. Shushil को करीब से जानने वालों में डॉ गगनदेव नारायण सिंह , ललन प्रसाद, प्रकाश कुमार मिश्र , संजीव कुमार जवाहर, खगौल व्यवसायी संघ के अध्यक्ष उमा गुप्ता, जीकेसी कला संस्कृति प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष देव कुमार लाल, सामाजिक कार्यकर्ता चंदू प्रिंस, नवीन सैनिक, राजकिशोर गुप्ता, मो रिंकू, आदि का कहना है कि खगौल, फुलवारी एवं आसपास के लोगों के लिए एकमात्र डाक्टर हैं, जो रोगियों की सेवा में दिन-रात लगे रहते हैं। करीब 70 वर्ष उम्र के बाद भी इनका कोई सहायक नहीं होने के कारण,लगातार रोगियों को देख पाने में स्वयं और इनके परिवार के लिए परेशानियों का कारण तो जरुर है, बावजूद इनकी फुर्ती में अभी भी कोई कमी नहीं दिखती है।

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डॉ.सुशील का शुरू से ही सामाजिक और मिलनसार व्यक्तित्व रहा है।साथ में एक जाने-माने चिकित्सक होने से सभी राजनीतिक दल के नेता, मंत्री, डाक्टर, मीडियाकर्मी, शिक्षाविद आदि से लेकर आम आदमी तक से इनका पारिवारिक संबंध है। शादी-विवाह, श्राद्ध, जन्मदिन में जो भी बुलाये देर-सवेर उसके यहां पहुँच ही जाते हैं। डॉ.सुशील जब खगौल में डाक्टरी सेवा के लिए आये थे तो एक राजदूत मोटर साईकिल साथ में था।शुरू में इनका फ़ीस 5,16,20,30,50 रूपये से बढ़ते–बढ़ते साथियों के अनुरोध पर पिछले वर्ष सौ रूपये किये हैं | शुरू से इनका शौक अभी तक कम नहीं हुआ है। अपनी कड़ी मेहनत,लगन और लोगों के भरोसेमंद और विश्वासी डाक्टर का रोल निभाते हुए ,एक-एक पैसा जोड़ कर अपने शौक और हाॅबी को उन्होंने कभी मरने नहीं दिया। खाने और खिलाने के साथ-साथ,उन्हें खास कर गाड़ी का शौक काफी है, इस शौक के अनुरूप गाड़ी को साल में बदलते रहते हैं।डॉ, सुशील, डीएमसीएच लहेरिया सराय से एमबीबीएस करने के बाद वर्ष 1978 में मुम्बई स्थित जसलोक अस्पताल में नियुक्त हुए ।वर्ष 1980 में मुम्बई छोड़ कर खगौल वासियों की सेवा में लग गए।उस समय खगौल और जानीपुर में अपनी सेवा देने लगे। डॉ.सुशील परिवारिक डाक्टर होने के कारण,जब कोई रोगी काफी गंभीर हालत में उनके पास आता है तो उसे प्राथमिक उपचार के बाद संबंधित रोग के विशेषज्ञ चिकित्सकों के पास और ऑपरेशन के लिए भेज देते हैं। जरुरत पड़ी तो खुद अपनी गाड़ी से पहुंचा भी देते हैं। पैसा नहीं भी हो तो भी अपनी जिम्मेदारी पर तत्काल डाक्टरी सेवा शुरू करा देते हैं। सचमुच ऐसा डाक्टर के रूप में कोई भगवान ही हो सकता है।

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डॉ,सुशील ,कोरोना संक्रमण के दौर में हरेक मरीजों और उस के सहयोगियों को सलाह देना नहीं भूलते हैं कि,बहुत जरूरी नहीं तो घर से निकले ही नहीं,निकलें तो डबल सर्जिकल मास्क लगा कर,भीड़ से बचें,समय-समय पर हाथ धोते रहें।मन को निगेटिव चीजों और बातों से बिलकुल अलग रखें।सब से जरुरी कोरोना से डरें नहीं हिम्मत और सावधानी के साथ इसका मुकाबला करें, निश्चित रूप से कोरोना हारेगा |

Xpose Now Desk
मुकेश महान-Msc botany, Diploma in Dramatics with Gold Medal,1987 से पत्रकारिता। DD-2 , हमार टीवी,साधना न्यूज बिहार-झारखंड के लिए प्रोग्राम डाइरेक्टर,ETV बिहार के कार्यक्रम सुनो पाटलिपुत्र कैसे बदले बिहार के लिए स्क्रिपट हेड,देशलाइव चैनल के लिए प्रोगामिंग हेड, सहित कई पत्र-पत्रिकाओं और चैनलों में विभिन्न पदों पर कार्य का अनुभव। कई डॉक्यूमेंट्री के निर्माण, निर्देशन और लेखन का अनुभव। विविध विषयों पर सैकड़ों लेख /आलेख विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित। कला और पत्रकारिता के क्षेत्र में कई सम्मान से सम्मानित। संपर्क-9097342912.