हरिद्वार,अनमोल कुमार। प्राकृतिक आपदा से मुक्ति एवं सुख, शांति के लिए हरिद्वार में अष्टलक्षमी महायज्ञ का आयोजन किया जा रहा है। शाक्त अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद जी महाराज ने बताया कि आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष 11 जुलाई से 19 जुलाई तक श्री हनुमान मंदिर , कांगड़ी गांव, श्यामपुर (हरिद्वार) में विपदा निवारण अष्टलक्ष्मी महायज्ञ का आयोजन किया गया है। इस अष्टलक्ष्मी महायज्ञ का मूल उद्देश्य प्राकृतिक आपदा जैसे जल कोरोना, बाढ़, भूकंप आदि विनाशकारी प्रकोप से मानव जाति का कल्याण करना और घर में सुख शांति समृद्धि की वृद्धि के लिए आयोजित किया गया है।
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उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण में न केवल लाखों लोगों ने अपनी जान गवाई बल्कि व्यवसाय और रोजगार पर भी इसका प्रतिकूल असर पड़ा है। इन व्याधियों को दूर करने के लिए प्रतिदिन 10000 मंत्र का जाप विधि-विधान पूर्वक किया जाएगा। उन्होंने बताया कि वर्ष में चार नवरात्र होते हैं, जिसमें माघ और आषाढ़ गुप्त नवरात्रि के रूप में जाना जाता है। माघ महीने का नवरात्र संतान प्राप्ति और पुत्र सुखके लिए किया जाता है परंतु आषाढ़ माह का नवरात्रि विशेषकर विपदा निवारण सुख शांति और समृद्धि के लिए किया जाता है। प्रत्यक्ष नवरात्र अश्विन और चैत्र माह में किया जाता है,जिसमें शक्ति की उपासना की जाती है
राजा दशरथ ने पुत्र प्राप्ति के लिए ब्रह्मा, विष्णु और शिव की पूजा और माँ की आराधना पुत्र यज्ञ माघ महीने के गुप्त नवरात्र में की थी। वशिष्ठ जी द्वारा इला नाम के लड़की को लड़का में परिणत करने के लिए ब्रह्मा, विष्णु और शिव के साथ मां गायत्री की आराधना सृष्टि के लिए की गई थी, जो सृष्टि, पालन और संहार का प्रतीक माना गया है।मां गायत्री की आराधना कर विश्वामित्र ने सृष्टि की रचना की,जिसके कारण गुरु वशिष्ट ने विश्वामित्र को ब्रह्मऋषि की उपाधि से विभूषित किया।
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स्वामी जी ने बताया कि अष्टमी और नवमी को सवा लाख पुष्प माता को अर्पित किया जाएगा। महायज्ञ की तैयारी में विश्व पुरी जी महंत अखाड़ा परिषद के प्रदेश अध्यक्ष शिवानंद जी महाराज और गीतांजलि महापात्रा सक्रिय तौर पर लगे हुए हैंl इनके अलावा कर सेवा श्रमदान में संजीव गोयल, सुमित कुमार, क्रांति कुमार, अनु भारद्वाज,अनिल पाल, रमेश कुमार आदि आस्था के साथ अपना सहयोग दे रहे हैं।