पटना/ संवाददाता। Corona की मार हर कोई झेल रहा है, ऐसे में पटना में यात्रियों का आवागम भी काम हो गया है। विभिन्न 15 रूटों पर, 200 बसें नियमित चला करती थी लेकिन Corona के बढ़ते प्रभाव से आम बस यात्री, अब सहम गये हैं या यूं कहे कि बहुत जरूरी होने पर ही निकल रहे हैं
जिसके चलते पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर बुरा असर दिखाई देने लगा है . प्राप्त जानकारी के अनुसार अभी पटना में केवल 50 पब्लिक ट्रांसपोर्ट सेवा जारी है।
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सरकारी गाइडलाइंस के आधार पर पब्लिक ट्रांसपोर्ट में निर्धारित क्षमता से पचास फीसदी कम ही यात्रियों को बैठाने है जो इनकी भरपाई के लिए नाकाफी है । ऑल इंडिया ट्रांसपोर्ट वर्कर फेड. के महासचिव राजकुमार झा ने मीडिया को बताया कि 15 फीसदी ऑटो चालकों ने ऑटो चलाना बंद कर दिया है जबकि सिटी बस संघ के अध्यक्ष देवेंद्र के मुताबिक डीजल की महंगाई के बीच यात्रियों के न होने के कारण सिटी बसों को चलाना आर्थिक संकट का सामना करने जैसा है ।
इनका यह भी कहना है कि अब जबतक सभी सीटों पर यात्रियों को बैठाने की अनुमति मिलने पर ही सिटी बसों का परिचालन पूरी तरह सामान्य हो सकेगा.विदित हो कि राजधानी पटना में लगभग दो सौ सिटी बसें विभिन्न रूटों पर चला करती थी। मिनी बस के ड्राइवर महेश कुमार ने बताया कि महामारी के चलते पेट पर भी आफत का दौर आ गया है. सभी सामानों की बढ़ती कीमतों ने भी सामान्य लोगों का जीना मुहाल
कर दिया है ।