सावरकर की 140 वीं जयंती के साथ सर्वांगीण विकास केंद्र द्वारा प्रकाशित मासिक पत्रिका दिव्य पत्रिका ने रविवार को स्थानीय आईएमए हॉल में अपना...
बिहार

सावरकर जयंती के साथ पत्रिका दिव्य रश्मि ने मनाई 9वीं वर्षगांठ

पटना,जितेन्द्र कुमार सिन्हा। सावरकर की 140 वीं जयंती के साथ सर्वांगीण विकास केंद्र द्वारा प्रकाशित मासिक पत्रिका दिव्य रश्मि ने रविवार को स्थानीय आईएमए हॉल में अपना वर्षगांठ मनाया। उक्त अवसर पर संस्था के अध्यक्ष डॉ पुरुषोतम कुमार ने बताया कि सामाजिक कार्यों के साथ-साथ हम लोगों में राष्ट्र भक्ति जगाने का प्रयास करते हैं। इसी की एक कड़ी हमारी संस्था द्वारा प्रकाशित पत्रिका है। हमारी संस्था प्रत्येक माह जागरूकता अभियान के साथ देश के महान सपूतों की जयंती एवं पुण्यतिथि मनाने का कार्य करती है। उन्होंने कहा कि “दिव्य रश्मि” मासिक पत्रिका जून, 2023 को अपने 9वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है।

पत्रिका के संपादक डा. राकेश दत्त मिश्र ने बताया कि इस पत्रिका का शुभारंभ वर्ष 2014 के २८ मई से किया गया था। उस समय से निर्वाध इसका प्रकाशन प्रतिमाह हो रहा है। उन्होंने इसका नियमित प्रकाशन का श्रेय अपने पाठकों और पत्रिका से जुड़े सभी सदस्यों को देते हुए कहा कि आध्यात्मिक चेतना, सनातन धर्म एवं संस्कृति को जीवित रखने के साथ समाज सेवियों में मंगल भाव जागृत करने का प्रयास “दिव्य रश्मि” मासिक पत्रिका के माध्यम से किया जा रहा है। “दिव्य रश्मि” पत्रिका धर्म, शिक्षा और समाज की खबरों से परिपूर्ण राष्ट्रीय पत्रिका है। इस पत्रिका में धार्मिक आलेख, पौराणिक कथाओं, समसामयिक घटनाचक्र, सरकार की उपलब्धियों सहित कई अन्य स्तंभ हैं,जो लोगों को आकर्षित करता है।

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पत्रिका के इस वार्षिकोत्सव पर ख्यातिप्राप्त साहित्यकारों एवं पत्रकारों की उपस्थित थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता साहित्यकार पंडित कमलेश पुण्यार्क ने किया। मुख्य अतिथि पंडित मार्कअंडे शारदेय, अतिविशिष्ट अतिथि झारखंड के सम्मानित साहित्यकार धर्म चन्द्र पोद्दार और विशिष्ट अतिथि डॉ मदन दुबे, राजमणि मिश्र एवं मगही के जानेमाने साहित्यकार बाबूलाल मधुकर उपस्थित थे।

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पत्रिका के उप संपादक सुबोध कुमार सिंह ने बताया कि पत्रिका ने अपनी कवर पेज की यात्रा सूर्य मंदिर से शुरू किया था। उसके बाद अलग-अलग अंकों में, “भारत के प्रसिद्ध सूर्य मंदिर”, “कृष्ण लीलाओं में छिपा संदेश”, “नौ रूपों में माँ दुर्गा की महिमा”, “भगवान स्वामी नारायण”, “स्वामी विवेकानन्द आध्यात्मिक गुरु”,”शिव पार्वती संवाद”,”योग में छिपा है जीवन का रहस्य”,”जगत जननी आदिशक्ति योनिरुपाय कामाख्या देवी”, “महाराणा प्रताप विशेषांक”, “राम कथा का…..वनवास में प्रभु कहाँ कहाँ”, “हनुमान जी अमर कैसे”, श्री भगवान परशुराम, जैसे मत्वपूर्ण शीर्षक से अंक का प्रकाशन किया गया है। “आदि शंकराचार्य”, “चक्रवर्ती सम्राट शिवाजी” एवं “भगवान बुद्ध” जैसे लोगों पर विस्तार रूप से आलेख/विचार का भी प्रकाशन किया जाता रहा है।