पटना, आनंद कुमार।प्रधानमन्त्री मोदी से ममता बनर्जी द्वारा कल किये गये अमर्यादित व्यवहार पर आक्रोश व्यक्त करते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष Dr. Sanjay Jaiswal ने इसे भारतीय लोकतंत्र के लिए काला दिन बताया। उन्होंने कहा कि ओडिशा और पश्चिम बंगाल दोनों ही यास तूफान से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं और दोनों ही जगह भाजपा विरोधी सरकारें हैं।प्रधानमंत्री जी ने अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए दोनों प्रदेशों का हवाई दौरा कर, वहां की जरूरतों पर वहां के मुख्यमंत्री सहित सभी उच्च अधिकारियों के साथ बैठक की ।
ओडिशा के मुख्यमंत्री ने जहां प्रधानमंत्री जी को हर तरह से सहयोग दिया, वहीं अपनी आदत अनुसार ममता बनर्जी ने एक बार फिर संवैधानिक मूल्यों और लोकतांत्रिक मर्यादा को तार-तार कर दिया।
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उन्होंने कहा कि पहली बार ऐसा हुआ की देश के प्रधानमंत्री किसी राज्य का दौरा कर रहे हों और वहां की मुख्यमंत्री, उन्हीं को आधा घंटा इंतजार कराने के बाद एक कागज थमा कर यह कहते हुए चली जाएं कि उसे और भी काम है।एक मुख्यमंत्री द्वारा इस तरह की नीच हरकत केवल ममता बनर्जी ही कर सकती है। जो इन्हें वोट नहीं देगा उसकी हत्या, बलात्कार,घर लूटना इनके स्वभाव का अंग है।इन्हें इतनी समझ नहीं है की प्रधानमंत्री का अपमान राष्ट्र का अपमान होता है।
उन्होंने कहा कि अहंकार में आकंठ डूबी ममता इस बात के लिए कृतसंकल्पित है कि मेरी आज्ञा का पालन करने वाला ही मेरे प्रदेश में रह सकता है।वास्तव में राहुल गांधी और ममता बनर्जी जैसे नेता मानसिक संतुलन खोकर भाजपा विरोध के चक्कर में अब राष्ट्र विरोधी हरकतें करने लगे हैं।
Dr. Sanjay Jaiswal ने कहा कि अगर उन्हें बहुत आवश्यक काम भी था तो भी उन्हें प्रधानमंत्री जी को सूचित करना चाहिए था, यही लोकतंत्र की परिपाटी होती है।उससे भी बड़ी बात यह हुई है कि भारतीय लोकतंत्र जो जनप्रतिनिधि, कार्यपालिका और न्यायपालिका के 3 खंभों पर टिका हुआ है और भारतीय संविधान तीनों को अपने संवैधानिक सीमाओं में रहते हुए स्वायत्तता का अधिकार देता है, इनके आचरण से वह भी खंड-खंड हो गया।
Sanjay Jaiswal ने कहा कि ममता जी ने आज की अपने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा है कि कोरोना और यास तूफान के चलते 10 मई को ही हमने एक्सटेंशन के लिए लिख दिया था और 24 मई को इसका अप्रूवल भी आ गया था।10 मई को यास तूफान का पता विश्व में किसी को नहीं था फिर भी प्रधानमंत्री जी ने ममता जी के कहने पर चीफ सेक्रेटरी को एक्सटेंशन दे दिया। चीफ सेक्रेटरी में इतनी भी शालीनता नहीं थी कि जब उन्हें जिम्मेवारी मिली थी कि प्रधानमंत्री को प्रेजेंटेशन देना है फिर प्रधानमंत्री जी की बैठक मे आधे घंटे बाद आना और मुख्यमंत्री जी के साथ निकल जाना बताता है कि उनके मन में भी प्रधानमंत्री जी एवं लोकतांत्रिक संस्थाओं के प्रति कोई सम्मान नहीं है।
Dr. Sanjay Jaiswal ने कहा कि प्रधानमंत्री की प्रदेश की बैठक में मुख्य सचिव का नहीं बैठना यह बताता है कि अब मुख्य सचिव, मुख्यमंत्री के अर्दली से ज्यादा कुछ नहीं है. भारत के संविधान की इससे ज्यादा अवहेलना कुछ भी नहीं हो सकती है. मुख्यमंत्री और हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की तरह मुख्य सचिव भी कार्यपालिका का सर्वोच्च होता है. माननीय राष्ट्रपति जी जो आईएएस अफसरों की नियुक्ति का आदेश देते हैं उन्हें इस पर जरुर कार्यवाही करनी चाहिए. सुप्रीम कोर्ट को भी स्वतः संज्ञान लेकर मुख्य सचिव पर कार्रवाई करना चाहिए वर्ना भारत के संघीय ढांचे और लोकतंत्र पर ममता बनर्जी जिस तरह का कुठाराघात कर रही है वह भारत के भविष्य के लिए बहुत ही खतरनाक साबित होगा.