नई दिल्ली । त्योहारी सीजन से पहले केंद्र सरकार ने अर्थव्यवस्था में मांग को बढ़ाने के लिए आज कई महत्वपूर्ण ऐलान किए हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज एक प्रेस कान्फ्रेंस में कहा कि अर्थव्यवस्था में मांग को बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं। सरकार कैश वाउचर्स और फेस्टिवल एडवांस स्कीम लेकर आई है। इसके तहत केंद्र सरकार अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए अपने सभी कर्मचारियों को 10 हजार रुपए एडवांस में देगी। यह रुपए फेस्टिवल एडवांस के तौर पर दिए जाएंगे। सरकार के इस कदम से करीब 1 करोड़ केंद्रीय कर्मचारियों को त्योहार पर खर्च करने के लिए अतिरिक्त पैसा उपलब्ध होगा।
सरकार 12% या इससे ज्यादा जीएसटी वाले सामान खरीदने के लिए सरकार अपने कर्मचारियों को एलटीसी टिकट फेयर के बदले कैश देगी। इस पर केंद्र सरकार 5675 करोड़ रुपए खर्च करेगी। इसके अलावा इस मद में 1900 करोड़ रुपए पीएसयू और बैंक खर्च करेंगे। वित्त मंत्री का कहना है कि इससे अर्थव्यवस्था में 19 हजार करोड़ रुपए आएंगे। यदि राज्य भी इसी दिशा में कदम उठाते हैं तो बाजार में 9 हजार करोड़ रुपए और अतिरिक्त आएंगे। उन्होंने कहा कि अगर निजी क्षेत्र ने भी अपने कर्मचारियों को राहत दी तो इकोनॉमी में कुल मांग 1 लाख करोड़ रुपए के पार हो सकती है।.
आर्थिक गतिविधियों में तेजी लाने के लिए केंद्र सरकार राज्यों को 12 हजार करोड़ रुपए का ब्याज मुक्त लोन देगी। इस लोन की वापसी 50 साल में की जा सकेगी।
केंद्रीय कर्मचारियों को एलटीसी के बदले दिए जाने वाले वाउचर 31 मार्च 2021 तक खर्च करने होंगे। एलटीसी के बदले दिए जाने वाले वाउचर्स से कर्मचारियों को डिजिटल खरीदारी करनी होगी।
केंद्र सरकार सड़क, डिफेंस इंफ्रा, वाटर सप्लाई और शहरी विकास के लिए 25 हजार करोड़ रुपए अतिरिक्त देगी। बजट में इन सेक्टर्स के लिए 4.31 लाख करोड़ रुपए का आवंटन किया गया था। छठे फाइनेंस कमीशन तक फेस्टिव एडवांस की व्यवस्था थी। इसमें तहत कर्मचारियों को 4,500 रुपए दिए जाते थे। यह नॉन-गैजेटेड के लिए था। सातवें कमीशन में इसकी व्यवस्था नहीं थी लेकिन अब इसे एक बार के लिए रिवाइव किया जा रहा है। अब यह सभी के ऊपर लागू होगी। इसके तहत केंद्र सरकार के सभी कर्मचारियों को 10,000 रुपए दिए जाएंगे। इसे कर्मचारी 10 किस्तों में वापस कर सकते हैं। 31 मार्च 2021 तक इसे खर्च करना होगा। यह 10,000 रुपए के प्रीपेड रूपे कार्ड के रूप में दिया जाएगा। यह इंटरेस्ट फ्री होगा। इसे कहीं भी खर्च किया जा सकता है। केंद्र सरकार के कर्मचारियों पर इस योजना के तहत 4,500 करोड़ रुपए खर्च होंगे। यदि राज्य सरकार भी इस योजना को लागू करेगी, तो 8,000 करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार पड़ेगा।