नई दिल्ली/ एजेंसी। यमुना एक्सप्रेस-वे के जरिये नोएडा व दिल्ली से मथुरा-आगरा के बीच का सफर करने वाले लोगों को कुछ दिन बाद दुनिया की सबसे बड़ी श्रीकृष्ण की मूर्ति दिखाई देगी। श्रीकृष्ण की 108 फुट ऊंची मूर्ति का निर्माण यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में गौड़ यमुना सिटी में किया जा रहा है। दावा किया जा रहा है कि यह एशिया ही नहीं, विश्व में श्रीकृष्ण की सबसे ऊंची मूर्ति होगी। मूर्ति के नीचे मंदिर का निर्माण भी किया जा रहा है। इसके ऊपर मूर्ति को बनाया जा रहा है। जमीन से इस मूर्ति की ऊंचाई 135 फुट होगी। करीब 3 करोड़ 50 लाख रुपये की लागत से इस मूर्ति का निर्माण किया जा रहा है। सुनहरे रंग का मुकुट लगाए श्रीकृष्ण बंसी बजाने की मुद्रा में खड़े दिखाई देंगे। मूर्ति का अनावरण और मंदिर का उद्घाटन जन्माष्टमी पर किए जाने की तैयारी की जा रही है। बता दें कि यूपी के अयोध्या में ही भव्य राम मंदिर का निर्माण हो रहा है। भगवान राम की यह प्रतिमा दुनिया में सबसे ऊंची होगी।
गौड़ यमुना सिटी में जिस जगह मूर्ति का निर्माण किया जा रहा है, उसके आधार को मंदिर के रूप में तैयार किया जा रहा है। मंदिर के रूप में बनने वाले आधार को मिलाकर मूर्ति की कुल ऊंचाई 135 फुट होगी। इसका निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। मूर्ति का निर्माण राजस्थान के कारीगरों द्वारा किया जा रहा है। मूर्ति बनाने में कंक्रीट और प्लास्टर का उपयोग किया जा रहा है, जो इसकी मजबूती को बढ़ाने का कार्य करेगी। मूर्ति पर वेदर प्रूफ पेंट का प्रयोग कर इसमें रंग भरे जाएंगे, जिससे धूप, बरसात और मौसम के बदलने का कम असर होगा साथ ही समय-समय पर इसके रखरखाव का भी पूरा ध्यान रखा जाएगा। गौड़ ग्रुप की तरफ से दावा किया जा रहा है यह विश्व में भगवान श्रीकृष्ण की सबसे ऊंची मूर्ति होगी।गौड़ ग्रुप के प्रबंध निदेशक मनोज गौड़ ने बताया कि श्रीकृष्ण की नगरी मथुरा वृंदावन भी यमुना एक्सप्रेस-वे के किनारे स्थित है, ऐसे में एक्सप्रेस-वे का प्रयोग करके मथुरा व वृंदावन आने-जाने वाले लोगों के लिए मूर्ति आकर्षण का केंद्र होगी। इसकी ऊंचाई 135 फुट होने के कारण यह काफी दूर से दिखाई देगी। इसी परिसर में गौड़ यमुना सिटी टाउनशिप भी बसा रहा है। ऐसे में लोगों को टाउनशिप में मथुरा वृंदावन जैसे पावन स्थलों का अनुभव भी मिलेगा। श्रीकृष्ण के दर्शन करने को भारी संख्या में लोग मथुरा जाते हैं। ऐसे में इस प्रतिमा के बनने से क्षेत्र को नई पहचान मिलेगी। इस मूर्ति का डिजाइन जयपुर के मूर्तिकार विष्णु प्रकाश शर्मा द्वारा किया गया है। अब उनकी और श्यामा मूर्ति की देखरेख में इस मूर्ति का निर्माण किया जा रहा है। जयपुर के यह मूर्तिकार देवी-देवताओं की मूर्तियां और महापुरुषों की प्रतिमाएं बनाते रहे हैं। शिल्पकार फणि भूषण विश्वास की परिकल्पना को मूर्त रूप देने में भी विष्णु प्रकाश शर्मा ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। सीतामढ़ी रेलवे स्टेशन पर लगाई गई मां जानकी उद्भव झांकी की मूर्ति भी विष्णु प्रकाश शर्मा द्वारा ही तैयार की गई थी। विष्णु प्रकाश बताते हैं कि उन्हें किसी की कल्पना की मूर्ति बनाने का अनुभव नहीं था। ऐसे में फणि भूषण विश्वास ने जयपुर में अपनी मौजूदगी में मूर्ति का पहले मॉडल तैयार कराया और फिर छह माह में मूर्ति तैयार हुई थी। चार सितंबर 2013 को रेलवे स्टेशन पर फणि दा की कृति जानकी उद्भव स्थली का सीएम नीतीश कुमार ने अनावरण किया था।