jayprakash bandhu
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सत्ता नहीं, व्यवस्था परिवर्तन की लड़ाई लड़ते हैं हम- जयप्रकाश बंधु

संपूर्न क्रांति के गोल्डेन जुबली  अवसर को सार्थक बनाने की होगी कोशिश

जय प्रकाश नारायण द्वारा स्थापित जनता पार्टी फिर से अपनी जमीन तलाश रही है। इसी कोशिश में लोकनयक जेपी की संपूर्ण क्रांति पार्ट -2 को सफल बनाने के लिए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयप्रकाश बंधु अप्रैल से पंचयत स्तर पर अपना मुहीम चलाएंगे। मुहीम की कार्य योजना पर विचार विमर्श के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष ने बुद्धिजीवि और पत्रकारों से मुलाकात की। इसी संदर्भ में पटना प्रवास के दौरान जेपी बंधु से लंबी बातचीत की xpose now के लिए हमारे सवांददाता ने। यहां प्रस्तुत है उसके मुख्य अंश-

 सवाल- शुरुआत कैसे कर रहे हैं आप

जवाब.. अभी हम कार्ययोजना बना रहे हैं। इसी संदर्भ में हम बुद्धिजीवियो और पत्रकारों से बातचीत कर रहे हैं।हमें बहुत अच्छा रिस्पांस मिल रहा है। हम और हमारी पर्टी कोशिश कर रही है कि संपूर्ण क्रांति के 50 वर्ष पूरे होते होते याने 2024-25 तक सत्ता नहीं,व्यवस्था परिवर्तन की धमक बिहार सहित पूरे देश में महसूस हो।

 सवाल- मतलब…

जवाब- सत्ता नहीं व्यवस्था परिवर्तन के असरदार नारे के साथ अब फिर से लोकनायक की जनता पार्टी देश को राष्ट्रीय स्तर पर एक मजबूत विकल्प देने को तैयार है। हालाकि इसकी ज़रूरत नहीं पड़नी चाहिए थी। क्योंकि 1974  के जेपी आंदोलन से निकले कई नेता देशभर के अधिकतर राज्यों में सीएम और मंत्री बन चुके हैं। इनके बलबूते सत्ता परिवर्तन तो होता रहा है, लेकिन व्यवस्था परिवर्तन नहीं हुआ। जबकि जेपी की मूल अवधारणा ही व्यवस्था परिवर्तन की रही है। व्यवस्था परिवर्तन के लिए ही तो उन्होंने इंदिरा सरकार को उखार फेंकने का संकल्प लिया था और लोगों से आह्वान किया था। चूकि सत्ता परिवर्तन होता रहा लेकिन व्यवस्था परिवर्तन पर किसी ने ध्यान नहीं दिया, इसलिए जरुरी है कि सत्ता परिवर्तन के साथ व्यवस्था परिवर्तन की भी कोशिश की जाए।   

सवाल- जेपीके सप्त क्रांति को लेकर आप क्या कहते हैं।

जवाब- लोकनायक ने सातक्रांति को मिला कर संपूर्ण क्रांति का नारा दिया था। इनमें राजनीतिक,सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक, बौद्धिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक क्रांति शामिल था। तब के आंदोलनों में शामिल लोगों का मानना था कि जब जेपी आंदोलन से जुड़े लोग सत्ता में आएँगे तो व्यवस्था परिवर्तन होगा। लेकिन ऐसा हुआ नहीं। अपने को जेपी  के अनुयायी होने का दावा करने वाले लोग आज अधिकतर राज्यों में और केंद्र में किसी न किसी रूप में सत्ता में शामिल हैं लेकिन व्यवस्था में कहीं भी परिवर्तन नहीं दिखा। ऐसे कथित अनुयायियों ने लोकनायक की छवि को नुक़सान ही किया है। इन सप्तक्रांति में से कोई भी क्रांति नहीं हुई या नहीं की गई। इन क्रांतियों को सफलता को बात तो दूर, इसके लिए कोई प्रयास भी नहीं किया गया। अपने ऐसे अनुयायियों पर तो जननायक को भी अफ़सोस ही होता होगा। उन्होंने कहा कि अगर आज जेपी होते तो शायद फिर से सम्पूर्ण क्रांति का आगाज कर रहे होते ।येही कारण है कि आज जननायक की पार्टी फिर से सम्पूर्ण क्रांति पार्ट-2 का आगाज कर रही है।

 सवाल- सत्ता तो परिवर्तित होते ही रहे हैं लेकिन बड़ा सवाल है की व्यवस्था परिवर्तन क्यों नहीं हुआ या यह हो क्यों नहीं रहा है।

जवाब- दरअसलपरिवर्तन का दावा और वादा कर सत्ता में आनेवाले लोग क्रांतिकारी नेता से सुविधाभोगी राजनेता  बन जाते हैं। उन्हें सिर्फ अपनी ही चिंता रहती है। अपने सुख –सुविधाओं की ही चिंता रहती है। इसलिए वो जनता के हित में सोच ही नहीं पाते।

सवाल-ऐसे में आपकी पार्टी क्या करेगी

जवाब- जनता पार्टी अपने मौलिक विचारधाराओं के साथ फिर से जनता के द्वार तक जाने का विचार कर रही है।  जेपी के सपनों को पूरा करने के लिए अप्रैल 21 से एक नोट,एक वोट और एक नम्बर माँगने देश भर की हर पंचायत के हर दरवाज़े पर जाएँगे। हमें सत्ता में परिवर्तन का शौक़ नहीं, हमें व्यवस्था में परिवर्तन चाहिए और इसके लिय ज़रूरत पड़ी तो हम सत्ता भी हासिल करेंगे। केंद्र में भी और सभी राज्यों में भी। लोकनायक ने सम्पूर्ण क्रांति में युवा और महिलाओं को भरपूर जगह दी थी। जनता पार्टी आज भी उसी नीति पर काम कर रही है।  व्यवस्था परिवर्तन के लिए जनता पार्टी फिर से युवा और महिलाओं को संपूर्ण क्रांति के लिए आमंत्रित करती है उनका स्वागत करती है।

सवाल- कबतक व्यवस्था परिवर्तन की उम्मीद करे जनता ।

जवाब- मुझे लगता है कि जेपी आंदोलन के गोल्डेन जुबली तक हम कुछ कर पाएंगे। हमारा मकसद गोल्डेन जुबली को सर्थक बनाना है।