पटना, संवाददाता। मुख्यमंत्री ने आज मुजफ्फरपुर एथेनॉल प्लांट का किया उद्घाटन। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज मुजफ्फरपुर जिला अंतर्गत मोतीपुर के मुरारपुर में स्थापित अनाज आधारित एथेनॉल प्लांट का शिलापट्ट अनावरण कर उद्घाटन किया। उद्घाटन के पश्चात् मुख्यमंत्री ने एथेनॉल प्लांट का भ्रमण भी किया ।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने दीप प्रज्ज्वलित कर आयोजित जनसभा का विधिवत शुभारंभ किया। एथेनॉल प्लांट के प्रबंधकों द्वारा मुख्यमंत्री को पुष्पगुच्छ, अंगवस्त्र एवं प्रतीक चिह्न भेंटकर उनका अभिनंदन किया गया।
जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह एथेनॉल प्लांट सांसद वीणा देवी एवं विधान पार्षद दिनेश प्रसाद सिंह के प्रयास से स्थापित हुआ है। इनके बच्चों ने काफी अच्छा काम किया है। पिछले साल भी यहां आकर हमने निर्माणाधीन प्लांट के कार्यों को देखा था और कार्य में तेजी लाने का निर्देश दिया था। अब यहां पर काम शुरू हो गया है, यह खुशी की बात है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोगों ने बिहार में एथेनॉल प्लांट लगाने के लिए वर्ष 2007 में ही राज्य सरकार से कानून बनाकर केंद्र को भेजा था और बिहार में एथेनॉल प्लांट लगाने की इच्छा प्रकट की थी। उस समय दूसरे राज्यों से लोगों ने यहां आकर उद्योग स्थापित करने में अपनी रुचि दिखाई थी । उनलोगों की तरफ से लगभग 31 हजार करोड़ रुपये निवेश करने की इच्छा प्रकट की गयी थी। गन्ना से एथेनॉल बनता तो यह बड़ी बात होती लेकिन उस समय की केंद्र सरकार ने हमलोगों का प्रस्ताव स्वीकार नहीं किया। केंद्र ने यह कहते हुए प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया कि गन्ने से चीनी उत्पादन आवश्यक है इसलिए एथेनॉल बनाने की स्वीकृति नहीं दी जा सकती। वर्ष 2020 के बाद पता चला कि केंद्र सरकार एथेनॉल उत्पादन से संबंधित पॉलिसी बना रही है, तब हमने प्रधानमंत्री से मिलकर बिहार में एथेनॉल प्लांट लगाने से संबंधित प्रयासों से उन्हें अवगत कराया। हमलोगों ने बताया कि गन्ना, मक्का और टूटे हुए चावल से भी एथेनॉल बनाया जा सकता है। हमने बताया कि काफी पहले ही एथेनॉल प्लांट लगाने की हमारी इच्छा थी।
उन्होंने कहा कि बिहार में उद्योग को बढ़ावा देने के लिए काफी काम किए गए हैं। उद्यमियों को राज्य सरकार द्वारा काफी सहूलियतें दी जा रही हैं। बिहार में अधिक से अधिक उद्योग स्थापित हो, इसको लेकर बियाडा की जमीन 80 प्रतिशत रियायत पर उद्यमियों को दी जा रही है। इसके अलावा मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत लोगों को उद्योग लगाने के लिये 10 लाख रुपये की आर्थिक मदद राज्य सरकार दे रही है ताकि वे अपना उद्योग स्थापित कर सकें। इसमें 5 लाख रुपये का अनुदान और 5 लाख रुपये का ब्याज मुक्त ऋण लोगों को उपलब्ध कराया जा रहा है, जिसमें सामान्य वर्ग और पिछड़े वर्ग के लोगों को 5 लाख रुपये का अनुदान और मात्र 1 प्रतिशत की ब्याज दर पर 5 लाख रुपये का ऋण मुहैया कराया जा रहा है। हर वर्ग की महिलाओं को 5 लाख रूपये का अनुदान एवं 5 लाख रूपये का ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। वर्ष 2018 में उद्यमी योजना का लाभ सिर्फ अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति से जुड़े लोगों को मिलता था। वर्ष 2020 में इसे अति पिछड़ा वर्ग के लिए भी शुरू कर दिया गया। उसके बाद सभी धर्म, समुदाय से जुड़े लोगों को मुख्यमंत्री उद्यमी योजना का लाभ दिया जाने लगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत ऊर्जा डिस्टिलरीज प्राइवेट लिमिटेड की निदेशक सुश्री कोमल सिंह एवं श्री शुभम सिंह आप दोनों को मैं बहुत बधाई देता हूं, आपकी आमदनी बढ़े ताकि आपसे लोग प्रेरित होकर और अधिक लगन से काम करें। हम लोगों से आग्रह करेंगे कि महिला और पुरुष सभी मिलकर पूरी मुस्तैदी के साथ एकजुट रहते हुए काम करें, आपस में प्रेम एवं सद्भाव कायम रखें। कुछ लोग गड़बड़ करने की कोशिश में लगे रहते हैं, ऐसे लोगों से सतर्क रहें।