पटना के पास के मंदिरों के बेकार फूलों से बने इस प्राकृतिक गुलाल की पहली खेप इंडियन आर्मी को सौंपी गई । पटना, मुकेश महान। Tea24 disability foundation के दिव्यांग सदस्यों के बनाए प्राकृतिक गुलाल से इस बार इंडियन आर्मी होली खेलेंगे। खास बात है कि इस प्राकृतिक गुलाल की पहली खेप इंडियन आर्मी के प्रतिनीधियों द्वारा आज ले जाई गई।
दरअसल दिव्यांगों की संस्था Tea24 disability foundation ने अपने से जुड़े दिव्यांग सदस्यों के धनोपार्जन के लिए मंदिर सहित घरों में चढ़ाये बेकार फूलों से नेचुरल गुलाल बनाने की शुरुआत की। इसके लिए दो माह पहले से ही उन्होंने बेकार हो चुके फूल एकत्रित करना शुरु कर दिया। लेकिन पूरी प्रक्रिया में धन की जरूरत थी, तब इन्होंने बादशाह अगरबत्ती कंपनी के मालिक जगजीत से संपर्क किया। टी24 डिसएविलिटी फाउंडेशन के डायरेक्टर राजेंद्र बताते हैं जगजीत जी ने हमें एक मैसेज पर ही ₹50000 उपलब्ध करा दिया, जिससे हमारा काम शुरु हो गया।
संस्था के एक अन्य डायरेक्टर मंजू कुमारी कहती हैं कि हम सब दिव्यांगों का सपना था कि हम गुलाल बनाएं और इसकी शुरुआत हम इंडियन आर्मी को ही दे कर करें। हमारे इस सपने को पूरा करने में राजस्थान एसोसिएशन, अमेरिका के प्रेसीडेंट प्रेम भंडारी ने विशेष मदद की। उनकी मदद से ही हम अपने उत्पाद की पहली खेप इंडियन आर्मी को दे पाए। दिव्यांगों को प्रोत्साहन देने व रोजगार से जोड़ने में मदद करते हुए उन्होंने हमारे प्रोडक्शन की पूरी की पूरी पहली खेप खरीद कर इंडियन आर्मी को गिफ्ट कर दिया। साथ ही हमारे प्रोडक्ट को गलोबल मार्केट तक लेजाने का आश्वासन भी दिया।
फुटपाथ दुकानदार समिति के सचिव दिलीप मिश्रा ने अपनी ओर से गुलाल के 100 पैकेट आर्मी के जवानों को भेंट करते हुए घोषणा की कि हर साल संस्था की ओर से भारी मात्रा में आर्मी के जवानों के लिए दिव्यांगों द्वारा बनाई हुई गुलाल पहुंचाने का कार्य करेंगे, जिससे दिव्यांग रोजगार से जुड़ेंगे और दिव्यांगों का मनोबल बढ़ेगा।
इस मौके पर पद्मश्री विमल जैन भी मौजूद रहे और उन्होंने कहा हमारा सौभाग्य है हमें दिव्यांगों की सेवा करने का अवसर प्राप्त हुआ है और हम इनकी हर तरह से मदद करने की कोशिश करते रहेंगे।
टी24 डिसएविलिटी फाउंडेशन के संरक्षक सह निदेशक राजेंद्र कहते हैं संगठन के सदस्य मंजू कुमारी, सौरभजीत, उनकी पत्नी सलोनी सहित सभी अन्य सदस्यों के अथक प्रयासों से आज हमारे हौसलों में पंख लगने शुरू हो गए हैं। हमारी कोशिश होगी कि हम सभी दिव्यांगों को आत्म सम्मान से जीने का मौका उपलब्ध करा सकें।