पटना, जितेन्द्र कुमार सिन्हा। ₹2000 के नोट बदलने के लिए लोग अपने नजदीकी बैंक में पहुँचने लगे है। भारतीय रिजर्व बैंक ने 19 मई को ₹2000 के नोट को चलन से बाहर करने की घोषणा की थी और कहा था कि ₹2000 को बैंक के अपने खाते में जमा करने या बैंक से रुपये बदलने के लिए 30 सितंबर तक की तिथि निर्धारित की गई है। नोट बदलने की प्रक्रिया 23 मई से शुरू हो गई है जो 30 सितंबर तक चलेगी। ₹2000 के नोट, एक साथ 20 हजार के समतुल्य ही बदले जा रहे हैं, जबकि बैंक खाते में पूर्व की तरह अन्य रुपये के साथ साथ ₹2000 के नोट भी जमा किये जा रहे हैं।
देखा जाय तो भारतीय रिजर्व बैंक ने दो हजार के नोट का चलन बंद किया है, इससे आम जनता को तकलीफ नहीं हो रही है। क्योंकि विगत वर्षों से लगभग किसी भी ATM से ₹2000 का नोट किसी को नहीं मिल रहा था। माना ये भी जारहा है कि अधिकत्तर मध्यम वर्गीय परिवारों में वैसे भी दो हजार का नोट नहीं है। ऐसी स्थिति में यह कहा जा सकता है कि ₹2000 की नोट बंदी करने का केन्द्र सरकार का यह निर्णय कालाधन और टेरर-फंडिंग पर दूसरा सर्जिकल स्ट्राइक है।
आम जनता को अगर किसी नोट बदलने में या जमा करने में किसी तरह की परेशानी होती है तो वे पहले बैंक से शिकायत कर सकता है और 30 दिनों में बैंक सुनवाई नहीं करता है तो कस्टमर आरबीआई के – Integrated Ombudsman Scheme (RB-IOS), 2021 के तहत इस वेबसाइट cms.rbi.org.in पर शिकायत कर सकता है।
वर्ष 2016 में एक हजार और पांच सौ रुपये के नोट बंद किए गए थे, तब आम जनता को कठिनाई हुई थी। लेकिन इसबार ₹2000 की नोट बंदी से आम जनता को उस तरह की कोई कठिनाई होती नहीं दिख रही है।
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राजनीतिक पार्टियों के नेताओं में नोटबंदी का विरोध करने की होड़ लगी हुई है। बिहार के मुख्यमंत्री ने 2016 में हुई नोट बंदी का समर्थन किया था। कांग्रेस पार्टी ने उस समय भी विरोध किया था और आज भी विरोध कर रहा है। अन्य विपक्षी पार्टियाँ भी नोटबंदी का विरोध कर रही हैं। जबकि आम जनता का मानना है कि यह नोटबंदी नहीं है, बल्कि नोट-बदली है, इससे उनलोगों को कोई कठिनाई नहीं हो रही है।
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बैंक खाते में यदि ₹2000 के नोट जमा करने पर कोई पांबदी नहीं है, लेकिन बैंक खाताधारी का केवाईसी होना जरुरी है। जबकि आम जनता ज्यादा से ज्यादा दो हजार के 20 नोट ही एक बार में बदल सकते हैं। बैंकों के बिजनेस प्रतिनिधि खाताधारक प्रति दिन 4000 रुपये तक के दो हजार के नोट बदल सकते है। ₹2000 के नोट बिलकुल मुफ्त में बदला जा रहा है इसके लिए कोई फीस नहीं लग रही है। इतना ही नहीं बैंकों को यह भी निर्देश दिया गया है कि वे सीनियर सिटीजन, विकलांगो के लिए खास व्यवस्था करें जिससे उन्हें कोई परेशानी न हो या कम से कम परेशानी हो ।