6 राज्यों और 6 देशों के कलाकारों- साहित्यकारों ने कार्यक्रम को बनाया भव्य। बस एक ही शब्द है काफी बताने के लिए कि हम हैं हिन्दुस्तानी…। 3 भाषा में 3 घंटे तक चला कार्यक्रम।
पटना, मुकेश महान। ग्लोबल कायस्थ कॉंफ्रेंस के सांस्कृतिक प्रकोष्ठ द्वारा वर्ष 2025 का पहला जीकेसी रंगारंग कार्यक्रम गणतंत्र दिवस के अवसर पर आयोजित किया गया । सांस्कृतिक प्रकोष्ठ के नव नियुक्त राष्टीय अध्यक्ष डा. रंंजन कुमार इस कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे थे।
इस कार्यक्रम में देश के 6 राज्यों उत्तरप्रदेश,मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़,राजस्थान,गुजरात और झारखंड सहित 6 अन्य देशों लॉस वेगॉस यूएसए,इंगलैंड, यूएई दुबई,भारत, नेपाल और कनाडा के कलाकार और कवि एक ऑनलाइन पटल पर अपनी कला और साहित्य प्रतिभा का प्रदर्शन कर रहे थे।

3 भाषा में 3 घंटे तक चले इस कार्यक्रम का थीम था देश भक्ति। इसी थीम पर आधारित कविताएं और गीत इस कार्यक्रम में प्रस्तुत कय गए थे। कार्यक्रम का संचालन मुंबई से पवन सक्सेना और बिहार से शिवानी गौड़ कर रही थीं। कार्यक्रम की शुरुआत शिवानी ने एक कविता की दो पंक्तियों से की – बस एक ही शब्द है काफी बताने के लिए कि हम हैं हिन्दुस्तानी…
पहली प्रस्तुति नीतीश शरण की थी, उन्होंने देश भक्ति के वो गान गाए जो राष्ट्रगान बनते बनते रह गया था। इसके बाद अध्यक्षता कर रहे डा. रंजन कुमार ने बंदे मातरम् और सारे जहां से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा …का वायलिन पर धुन सुनाया। फिर भोपाल स अभिषेक माथुर ने माउथ ऑर्गेन पर नन्हा मुन्ना राही हूं, देश का सिपाही हूं सुनाया। राजीव कुमार दुबई से हिन्दी में तो चंदर श्रीवास्तव लॉस वेगॉस से भोजपुरी में अपनी प्रस्तुति के माध्यम से श्रोताओं में देश भक्ति का जोश भर दिया। राजीव ने कर चले हम फिदा … गाकर लोगों भाव विह्वल कर दिया।

देश भक्ति की शमा हर दिल में जलनी चाहिए – जोधपुर से मधुवाला श्रीवास्तव की कविता सुनकर लोगों के दिल में वाकई देश भक्ति का जज्बा छलकने लगा। रांची की अनिता रश्मी ने देश भक्ति को आज के संदर्भ से जोड़ते हुुए अपनी कविता बुद्ध और युद्ध सुनाई। मनीष बादल ने भारतीय संविधान पर स्वरचित कविता सुनाई। नेपाल से सुनील मल्लिक ने मैथिली में -बड़ मुश्किल से भेंटलो ये गणतंत्र रो… सुनाया। इसके साथ ग्वालियर की अपूर्वा वर्मा,आलोक अविरल (प्रतिभागी न होते हुए भी), लंदन से सिद्धार्थ- अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों सक्सेना,मीना वर्मा-भगत सिंह पर अपनी कविता,जयपुर से विजेता, गुजरात से प्रदीप कुमार प्राश ने अपनी अपनी रचनाएं सुनाईं।
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जीकेसी रंगारंग कार्यक्रम के शुरुआत में जीकेसी के ग्लोबल अध्यक्ष राजीव रंजन और प्रबंध न्यासी ने अपने अपने संबोधन में आजादी पूर्व के इतिहास, सेवतंत्रता संघर्ष का इतिहास और स्वतंत्रता के बाद के दिनों में देश हित में कायस्थ समाज द्वारा दिये गये योगदान को याद किया और समाज के उन पुरखों को श्रधांजलि दी।
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