भारतीय व्यापारी अब तुर्किये के सेव और फलों की नहीं करेंगे खरीद बिक्री। पर्यटन एजेंसियों ने भी खिंचा हाथ।अब बॉलीबुड से तुर्किये के बहिष्कार की उम्मीद
अब भारत में नहीं बिकेंगे तुर्किये के सेव । भारत-और तुर्किये के संबंधों में एक बार फिर तल्खी महसूस की जा रही है। हालाकि दोनों में किसी भी सरकार के स्तर पर अभी ऐसा कुछ भी और कोई भी घोषणा सामने नहीं आई है। लेकिन भारतीय व्यापरियों और ट्रैवल एजेंसियों ने अपने रूख से ऐसा एहसास करा दिया है।
दरअसल भारतीय फल व्यापारियों ने खुले तौर पर आयातित होकर आने वाले तुर्किये के सेव सहित अन्य फलों के बहिष्कार का निर्णय लिया है। यहां बताते चलें कि यह आयात लगभग हजार करोड़ से ज्यादा है। इतना ही नहीं, प्रतिवर्ष तुर्किये पहुंचने वाले भारतीय पर्यटकों की संख्या ढाई लाख के करीब हैं।तुर्किये के विरोध में बहिष्कार करते हुए ट्रैवल एजेंसियों ने वहां की बुकिंग कैंसिल करनी शुरू कर दी है। ट्रैवल एजंसियों के बुकिंग कैंसिल होने से वहां की होटल इंडस्ट्रीज और टैक्सी व्यवसाय को बहुत बड़ा झटका लगेगा। ऐसी खबर आ रही है कि कई पर्यटकों ने भी अपनी यात्रा रोक दी है। ऐसे में तुर्किये को बड़ा आर्थिक नुकसान होने की आशंका है। यह तब है जब भारत सरकार ने अभी इस तरह का या ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया है।
सरकार ने भले ही ऐसा कोई निर्णय नही लिया है लेकिन भारतीय व्यापारी अपनी ओर से ऐसा निर्णय लेकर तुर्किये को सजा देना चाहते हैं । सजा इसलिए कि आतंक विरोधी गतिविधियों के लिए पाकिस्तान के खिलाफ भारत द्वारा की गई काररवाई में तुर्किये पाकिस्तान के साथ खुल कर खड़ा दिखा। पहले तो तुर्किये ने पाकिस्तान को साथ देने के लिए अपना युद्धपोत भेज दिया, फिर खबर आई कि भारत से लड़ने के लिए एक लाख अत्याधुनिक ड्रोन भी उपलब्ध कराई।
इससे स्पष्ट हो गया कि तुर्किये भारत से नहीं पाकिस्तान से अपनी दोस्ती निभा रहा है। जबकि महज दो साल पहले वहां आये भयंकर भूकंप और इसकी तबाही से उबरने में सबसे पहले मदद के लिए भारत ही तुर्किये पहुंचा था। भारतीय आम नागरिकों का मानना है कि दुश्मन का दोस्त दुश्मन ही होता है ,इस लिहाजन तुर्किये भी हमारा दोस्त नहीं बन पाया जबकि भूकंप जैसी आपात स्थितियों से निबटने में भारत ने एक दोस्त की तरह अपनी भूमिका निभाई थी। दूसरी ओर भारत के प्रधानमंत्री ने भी संकेत में ही सही सभी देशों को यह जता दिया है कि आतंकवादी हो या उसके पनाहगार या फिर उसके किसी भी तरह के मददगार भारत अब किसी को भी बक्शने वाला नहीं।
अब देशवासियों को उम्मीद बॉलीबुड से भी है। तुर्किये के बेहतर लोकेशन का इस्तेमाल बॉलीबुड जमकर करता है। और बदले में करोड़ों- करोड रूपये तुर्किये को दिया जाता है। तो बॉलीबुड की ओर से कब आएगी तुर्किये के बॉयकॉट की सूचना। यहां बहुत ही महत्वपूर्ण सवाल यह उठता है दुश्मन देश का साथ देने वाले देश को हम आर्थिक लाभ क्यूं पहुंंचाए।
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सोशल मीडिया पर इस बात की चर्चा होने भी लगी है। बॉलीबुड से उम्मीद भी की जाने लगी है कि जल्द ही कुछ बड़े कलाकार और निर्माता -निर्देशक इस बात की घोषणा कर अपनी राष्ट्रभक्ति का परिचय देते हुए लोगों को इंसपायर करेंगे ।