राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने चांद पर चंद्रयान की सफल लैंडिंग पर बधाई दी है। मुख्यमंत्री नी...
देश-विदेश

Chandrayaan-3 ने रच दिया इतिहास,सफल रहा सॉफ्ट लैंडिंग, चांद पर लहराया तिरंगा

देश के राष्ट्रीय चिह्न अशोक स्तंभ के छाप छोड़ेंगे चांद पर।

इसरो के लोगो की छाप भी पड़ेगा चांद पर।

चंद्रमा के साउथ पोल पर उतरने वाले पहला देश बना भारत।

और Chandrayaan-3 ने अंततः इतिहास रच ही दिया। चंद्रमा के अधिकतर अंधकार में रहने वाले क्षेत्र साउथ पोल की सतह पर अपनी सॉफ्ट लैंडिंग पूरा कर लिय़ा। इसी के साथ भारत विश्व का पहला देश बना, जिसने चंद्रमा के साउथ पोल पर अपना मिशन सफलता पूर्वक पूरा किया है।

ठीक 6बजकर 04मिनट पर इसरो के बहु प्रतिक्षित मिशन Chandrayaan-3 ने अपना पहला कदम डाल कर चंद्रमा के साउथ पोल ( डार्क साइड ऑफ मून )को चुम लिया। देश ही नहीं पूरी दुनिया की प्रतीक्षा पूरी हुई। खास बात ये है कि अब तक दुनिया के किसी भी देश को चांद के साउथ पोल पर उतरने में सफलता नहीं मिली है।

...और Chandrayaan-3 ने अंततः इतिहास रच ही दिया। चंद्रमा के अधिकतर अंधकार में रहने वाले क्षेत्र साउथ पोल की सतह पर अपनी सॉफ्ट लैंडिंग पूरा ...
chandrayan 3 landing

जानें क्या है Chandrayaan-3?
इसरो के अनुसार चंद्रयान-2 मिशन का ही अगला चरण है चंद्रयान-3। इसे चंद्रमा की सतह पर परीक्षण के लिए भेजा गयाा है। एक प्रणोदन मॉड्यूल, एक लैंडर और एक रोवर से लैस है यह Chandrayaan-3 । मिशन की सफलता के लिए नए और एडवांस्ड उपकरण इसमें जोड़े गए हैं। एल्गोरिदम को भी बेहतर किया गया है। इसमें उन कारणों को दूर करन की कोशिश की गई है, जिनकी वजह से चंद्रयान-2 मिशन असफल रहा था।

14 जुलाई को लॉन्च किया गया था भारत का तीसरा moon mission ‘चंद्रयान-3’। आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से इसे प्रक्षेपित किया गया था। 40 दिन बद लैंडर (विक्रम) और रोवर (प्रज्ञान) की आज चंद्रमा के साउथ पोल पर सफलता पूर्वक लैंडिंग हुई। ‘चंद्रयान-3’ को भेजने के लिए LVM-3 लॉन्चर का इस्तेमाल किया गया था।

Read also-Chandrayaan-3 रचेगा अब नया इतिहास,कुछ ही घंटे में चंद्रमा के साउथ पोल पर होगा

वर्ष 2019 में चंद्रयान-2 मिशन की असफलता के बाद हार मानने की बजाए इसरो के वैज्ञानिकों ने मिशन चंद्रयान-3 की शुरुआत की थी। चंद्रयान-3 मिशन पर 615 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं।

इसे भी पढ़ें- रक्षाबंधन 2023 : कब है राखी का त्योहार 30 या 31 अगस्त को ?

बताते चलें कि चांद पर एक दिन पृथ्वी के 14 दिनों के बराबर होता है। फिलवक्त 23 अगस्त को चांद के दक्षिण ध्रुव पर सूरज निकला है। पृथ्वी के 14 दिनों के बराबर यहां एक दिन के लिए सूरज निकला रहेगा। यही इसका कार्यकाल तय किया गया है।

Xpose Now Desk
मुकेश महान-Msc botany, Diploma in Dramatics with Gold Medal,1987 से पत्रकारिता। DD-2 , हमार टीवी,साधना न्यूज बिहार-झारखंड के लिए प्रोग्राम डाइरेक्टर,ETV बिहार के कार्यक्रम सुनो पाटलिपुत्र कैसे बदले बिहार के लिए स्क्रिपट हेड,देशलाइव चैनल के लिए प्रोगामिंग हेड, सहित कई पत्र-पत्रिकाओं और चैनलों में विभिन्न पदों पर कार्य का अनुभव। कई डॉक्यूमेंट्री के निर्माण, निर्देशन और लेखन का अनुभव। विविध विषयों पर सैकड़ों लेख /आलेख विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित। कला और पत्रकारिता के क्षेत्र में कई सम्मान से सम्मानित। संपर्क-9097342912.